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Donald Trump Recession Warning: डोनाल्ड ट्रंप की मंदी वाली बात में कितना दम? भारत पर क्या होगा असर?

Donald Trump Recession Warning: डोनाल्ड ट्रंप की मंदी वाली बात में कितना दम? भारत पर क्या होगा असर?

Donald Trump Recession Warning: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों और नीतियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मचा दी है। उनकी टैरिफ नीतियों और व्यापार युद्ध को तेज करने की रणनीति ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। हाल ही में ट्रंप ने मंदी की आशंकाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसने चर्चा को और गर्म कर दिया है। इतना ही नहीं, उनके एक बयान ने अमेरिकी शेयर बाजार में 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान करा दिया। ऐसे में सवाल यह है कि क्या उनकी बातों में वास्तविक दम है, और अगर मंदी आई, तो क्या भारत भी इसके चपेटे में आएगा? आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं।

ट्रंप का मंदी वाला दावा: हकीकत या हौवा?
ट्रंप प्रशासन ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही आक्रामक आर्थिक नीतियां लागू की हैं। उनकी “रेसिप्रोकल टैरिफ” नीति ने वैश्विक व्यापार को झटका दिया है। इस नीति के तहत अमेरिका अन्य देशों से उतना ही टैरिफ वसूल करेगा, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। ट्रंप का दावा है कि इससे अमेरिकी उद्योगों को संरक्षण मिलेगा और घरेलू उत्पादन बढ़ेगा।

हाल ही में 9 मार्च, 2025 को फॉक्स न्यूज के “संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स” पर मारिया बार्टिरोमो के साथ एक इंटरव्यू में, जब उनसे पूछा गया कि “क्या आप इस साल मंदी की उम्मीद कर रहे हैं?”, तो ट्रंप ने सीधा जवाब देने से परहेज किया। उन्होंने कहा, “मुझे ऐसी चीजों की भविष्यवाणी करना पसंद नहीं। यह एक ट्रांजिशन का दौर है, क्योंकि हम जो कर रहे हैं, वह बहुत बड़ा है। हम अमेरिका में पैसे वापस ला रहे हैं। इसमें थोड़ा वक्त लगता है।”

यह जवाब न तो मंदी की आशंका को खारिज करता है और न ही पक्के तौर पर पुष्टि करता है, जिससे अनिश्चितता और बढ़ गई है। अमेरिका में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में गिरावट और ट्रेजरी यील्ड के निचले स्तर पर पहुंचने की खबरें मंदी की आशंका को बल दे रही हैं।

एक दिन में एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान
मंदी को लेकर ट्रंप की टिप्पणी के एक दिन बाद, सोमवार 10 मार्च को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिसमें एक ही दिन में 1.1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार रहे। सबसे बड़ा ट्रिगर था ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर बढ़ती अनिश्चितता, खासकर मैक्सिको और चीन जैसे देशों पर उनके आक्रामक रुख ने निवेशकों में घबराहट पैदा की।

इसके अलावा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिखे, जैसे कमजोर रोजगार डेटा और टेक सेक्टर में सुस्ती। इसने बाजार को और दबाव में डाला। नैस्डैक में 4% की गिरावट इस बात का सबूत है कि निवेशक जोखिम से बचने के लिए बिकवाली कर रहे हैं। टेस्ला जैसे बड़े शेयरों में 15% तक की गिरावट ने इस कोहराम को और बढ़ाया।

भारत पर क्या होगा असर?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन ट्रंप की नीतियों ने इसमें तनाव पैदा कर दिया है। भारत अमेरिका को करीब 85 बिलियन डॉलर का निर्यात करता है, जिसमें आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल शामिल हैं। अगर अमेरिका भारत से आयात पर भारी टैरिफ लगाता है, तो इन सेक्टरों को नुकसान होगा।

एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के कार्यकाल में भारतीय रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले 8-10% तक कमजोर हो सकता है। इससे आयात महंगा होगा, खासकर कच्चा तेल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में, जिससे महंगाई बढ़ेगी। हालांकि, ट्रंप की नीतियों से अप्रत्यक्ष फायदा भी हो सकता है। यूरोपीय संघ और अन्य देश, जो अमेरिका से तनाव के बीच नए साझेदारों की तलाश में हैं, भारत की ओर रुख कर सकते हैं।

Donald Trump’s Recession Warning:
ट्रंप की मंदी वाली बात और उनकी ताजा टिप्पणी में कितना दम है, यह वक्त बताएगा। उनकी अस्पष्ट प्रतिक्रिया ने बाजारों में कोहराम मचा दिया है, लेकिन यह भी साफ है कि उनकी नीतियां वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगी। भारत के लिए यह संकट भी है और अवसर भी। अगर भारत अपनी कमजोरियों को दूर कर ले, तो यह तूफान एक नई शुरुआत बन सकता है।


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