महाराष्ट्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर दिया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस बजट में सबसे ज्यादा चर्चा स्मारकों के निर्माण को लेकर हो रही है। खास बात ये है कि महाराष्ट्र सरकार राज्य के अंदर ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी भव्य स्मारकों का निर्माण कराएगी।
संभाजी महाराज के स्मारक पर विशेष ध्यान
हाल ही में हिंदी फिल्म ‘छावा’ को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई थी। इस फिल्म में संभाजी महाराज की छवि को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला। शायद यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार के बजट में भी संभाजी महाराज के भव्य स्मारक का जिक्र प्रमुखता से किया गया।
आगरा और पानीपत में भी बनेगा मराठा स्मारक
महाराष्ट्र सरकार ने कोंकण के संगमेश्वर में छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा –
आगरा (उत्तर प्रदेश) में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाया जाएगा।
पानीपत (हरियाणा) में मराठा वीरता के प्रतीक के रूप में एक भव्य स्मारक का निर्माण किया जाएगा।
ये निर्णय मराठा इतिहास और उनकी वीरता को सम्मान देने के लिए लिया गया है।
क्या ये स्मारकों की राजनीति है?
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो महाराष्ट्र सरकार का ये बजट स्मारकों की राजनीति से प्रेरित नजर आ रहा है।
एक तरफ, महाराष्ट्र सरकार ने औरंगजेब के स्मारक को तोड़ने की बात की है।
दूसरी तरफ, नए और पुराने स्मारकों के लिए बड़े पैमाने पर बजट जारी किया गया है।
इससे ये साफ हो जाता है कि सरकार इतिहास और राजनीति को जोड़कर अपनी रणनीति बना रही है।
महाराष्ट्र बजट 2025-26 में घोषित प्रमुख स्मारक
इस बार के बजट में कई नए स्मारकों की घोषणा की गई है, जिनमें शामिल हैं –
संभाजी महाराज और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्मारक
संगमेश्वर में छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के बलिदान स्थल पर स्मारक
पानीपत में मराठा सैनिकों का स्मारक
मुंबई चैत्यभूमि में बाबा साहेब अंबेडकर का स्मारक
मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक
बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक का पहला चरण पूरा, दूसरे चरण के लिए 220 करोड़ रुपये आवंटित
सातारा में सावित्रीबाई फुले का स्मारक
सांगली में लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे का स्मारक
पुणे के संगमवाड़ी में उस्ताद लाहूजी साल्वे के स्मारक का कार्य प्रगति पर
क्या महाराष्ट्र की प्रगति के लिए ये बजट सही दिशा में है?
हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में विकास योजनाओं के लिए भी कई घोषणाएं की हैं, लेकिन स्मारकों के लिए जो बड़ी धनराशि आवंटित की गई है, उसे राजनीति से प्रेरित माना जा रहा है।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि ये बजट महाराष्ट्र के विकास में कितना योगदान देगा और क्या जनता सरकार के इस फैसले को समर्थन देती है या नहीं। क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र सरकार का स्मारकों पर इतना अधिक ध्यान देना सही है? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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