मुंबई

फोन पर ऊंची आवाज में बात करने पर एक व्यक्ति ने अपने सहकर्मी को इमारत से धक्का देकर नीचे गिरा दिया, हत्या के आरोप में गिरफ्तार- मुंबई पुलिस

फोन पर ऊंची आवाज में बात करने पर एक व्यक्ति ने अपने सहकर्मी को इमारत से धक्का देकर नीचे गिरा दिया, हत्या के आरोप में गिरफ्तार- मुंबई पुलिस

मुंबई की चहल-पहल भरी जिंदगी में, जहां हर दिन लाखों लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए भागदौड़ करते हैं, एक छोटी-सी बात ने एक दुखद घटना को जन्म दे दिया। यह कहानी है कांदिवली (वेस्ट) के साई नगर में एक निर्माणाधीन इमारत की, जहां दो सहकर्मियों के बीच फोन पर जोर से बोलना (Loud Phone Call) और सहकर्मी की हत्या (Colleague Murder) जैसी वजहों ने एक जिंदगी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। यह घटना न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि यह हमें गुस्से और छोटी-छोटी बातों पर धैर्य खोने की आदत पर भी सोचने के लिए मजबूर करती है।

यह सब रविवार की रात को शुरू हुआ, जब 30 साल के जितेंद्र चौहान, जो एक बढ़ई थे, अपने फोन पर बात कर रहे थे। वह उस निर्माणाधीन इमारत के दूसरे माले पर बने एक कमरे में थे, जहां वह और उनके सहकर्मी 25 साल के अफसर जमी रुद्दीन आलम रहते थे। यह इमारत साई नगर में भाटिया स्कूल के सामने स्थित थी, और यहां 12-13 बढ़ई सीजी लाइफस्पेस कंपनी के तहत काम कर रहे थे। जितेंद्र उस रात फोन पर जोर-जोर से बात कर रहे थे, जिससे आलम को गुस्सा आ गया। आलम उस समय अपने मोबाइल पर आईपीएल मैच देख रहे थे, और जितेंद्र की तेज आवाज उनके लिए परेशानी का सबब बन गई।

शुरुआत में यह सिर्फ एक छोटा-सा विवाद था। आलम ने जितेंद्र से अपनी आवाज धीमी करने को कहा, लेकिन बात बढ़ते-बढ़ते बहस में बदल गई। वहां मौजूद अन्य मजदूरों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करने की कोशिश की। लेकिन रात करीब 10 बजे, जब जितेंद्र इमारत के किनारे खड़े थे, आलम ने गुस्से में आकर उन्हें धक्का दे दिया। जितेंद्र दूसरे माले से सीधे बेसमेंट पार्किंग में जा गिरे। इस गिरावट से उनके सिर में गंभीर चोट लगी, जिसने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।

वहां मौजूद मजदूरों ने तुरंत जितेंद्र को शताब्दी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन सोमवार को इलाज के दौरान जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। जितेंद्र के दोस्त मनोज ने पुलिस में शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर कांदिवली पुलिस ने आलम के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया। आलम को गिरफ्तार कर लिया गया, और अदालत ने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया।

यह घटना केवल एक हादसा नहीं है, बल्कि यह उस तेजी से बढ़ते तनाव को दर्शाती है, जो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में छोटी-छोटी बातों पर सामने आता है। जितेंद्र और आलम, दोनों ही मेहनतकश मजदूर थे, जो अपने परिवारों के लिए दिन-रात काम करते थे। लेकिन एक पल के गुस्से ने न केवल एक जिंदगी छीन ली, बल्कि कई परिवारों को दुख के सागर में डुबो दिया। जितेंद्र का परिवार, जो शायद उनकी कमाई पर निर्भर था, अब एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहा है। वहीं, आलम को भी अपने इस कदम की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

मुंबई जैसे शहर में, जहां हर कोने पर शोर और भीड़ है, फोन पर जोर से बोलना (Loud Phone Call) एक आम बात है। लेकिन इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या इतनी छोटी-सी बात इतने बड़े हादसे का कारण बन सकती है? यह कहानी केवल जितेंद्र और आलम की नहीं है, बल्कि यह हर उस व्यक्ति की कहानी है, जो गुस्से में अपने आपे से बाहर हो जाता है। यह हमें याद दिलाती है कि एक पल का गुस्सा कितना खतरनाक हो सकता है।

कांदिवली की इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी दहशत पैदा कर दी है। साई नगर के निवासियों का कहना है कि यह इमारत पहले से ही मजदूरों के लिए अस्थायी आवास के रूप में जानी जाती थी। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह एक ऐसी दुखद घटना का गवाह बनेगी। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस विवाद के पीछे कोई और वजह तो नहीं थी। लेकिन अभी तक जो जानकारी सामने आई है, वह यही बताती है कि यह सब एक छोटी-सी बात का नतीजा था।

यह घटना हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में छोटी-छोटी बातें कितनी जल्दी बड़े हादसों में बदल सकती हैं। सहकर्मी की हत्या (Colleague Murder) जैसी घटनाएं न केवल एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे समुदाय को झकझोर देती हैं। यह कहानी मुंबई की उस सच्चाई को उजागर करती है, जहां मेहनतकश लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात संघर्ष करते हैं, लेकिन कभी-कभी एक पल का गुस्सा सब कुछ तबाह कर देता है।

#MumbaiCrime #ColleagueMurder #LoudPhoneCall #KandivaliIncident #BNS

ये भी पढ़ें: Religious Trees: महाभारत-रामायण काल के पेड़-पौधों का होगा दर्शन, उत्तराखंड के हरिद्वार में धर्मग्रंथों में वर्णित वृक्षों का कलेक्शन

You may also like