मुंबई यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों को एक अल्टीमेटम दे दिया है। जिन कॉलेजों में एक खास कमेटी नहीं बनी है, उन्हें बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। कॉलेजों के पास इस कमेटी को बनाने के लिए सिर्फ 8 दिन हैं।
दरअसल कॉलेजों के सही तरीके से चलने और उनकी तरक्की के लिए, कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी (CDC) नाम की एक कमेटी बनाना ज़रुरी है। ये नियम महाराष्ट्र के यूनिवर्सिटी एक्ट 2016 के तहत आता है। इस कमेटी का काम है कॉलेज में पढ़ाई, सुविधाओं और दूसरी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की योजना बनाना।
कमेटी में कौन-कौन शामिल होते हैं?
CDC में कॉलेज के प्रिंसिपल, टीचर्स, दूसरे स्टाफ, छात्र, मैनेजमेंट के लोग, और एजुकेशन या इंडस्ट्री के एक्सपर्ट सब शामिल होते हैं।
यूनिवर्सिटी क्यों सख्त हुई?
मुंबई यूनिवर्सिटी से जुड़े करीब 900 कॉलेजों में से, केवल 350 कॉलेजों में ये CDC बनी हुई है। और तो और, इनमें से भी केवल 150 ने यूनिवर्सिटी को अपनी रिपोर्ट दी है।
कॉलेजों को क्या करना है?
आठ दिन के अंदर, सभी कॉलेजों को सीडीसी बनाकर उसकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर कार्रवाई हो सकती है। ऐसा लगता है कि मुंबई यूनिवर्सिटी शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। नई शिक्षा नीति (NEP) को अच्छे से लागू करने लिए, CDC की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।
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