देश के जाने-माने शास्त्रीय संगीतकार रमेश जुले हाल ही में साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गए। साइबर ठगों ने उन्हें सीबीआई अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिए पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर लगभग तीन घंटे तक अपने जाल में फंसाए रखने के बाद उनके बैंक खाते से करोड़ों रुपये साफ कर दिए। इस घटना ने एक बार फिर साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे को उजागर किया है। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।
क्या हुआ रमेश जुले के साथ?
मंगलवार, 25 मार्च 2025 को रमेश जुले को एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कॉल के दौरान उसके पीछे सीबीआई का पोस्टर भी दिखाई दिया। इस वजह से रमेश जुले को शुरुआत में कुछ शक नहीं हुआ। अपराधियों ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल आया है, जिसमें भारी मात्रा में ड्रग्स पाए गए हैं। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही गई।
रमेश जुले अभी इस झूठ को समझ पाते और अपने परिवार को कुछ बता पाते, उससे पहले ही साइबर ठगों ने उनके बैंक खाते से करीब 1 करोड़ 2 लाख 60 हजार रुपये उड़ा लिए। जब खाते से सारे पैसे गायब हो गए, तब जाकर रमेश को साइबर फ्रॉड का अहसास हुआ।
साइबर सेल में दर्ज हुआ मामला
इस घटना के बाद रमेश जुले ने तुरंत मुंबई के नॉर्थ साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। मुंबई साइबर पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब इस बात की तहकीकात कर रही है कि आखिर यह साइबर ठगी कैसे अंजाम दी गई और अपराधी कौन हो सकते हैं।
ड्रग्स पार्सल के नाम पर ठगी का नया तरीका
साइबर अपराधियों ने इस बार ड्रग्स पार्सल के बहाने रमेश जुले को अपने जाल में फंसाया। फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर उन्होंने पहले पीड़ित को डराया और फिर उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर दिया। यह साइबर फ्रॉड का एक नया तरीका है, जिससे लोग आसानी से डरकर ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
साइबर फ्रॉड के मामले बढ़े, जागरूकता जरूरी
पिछले कुछ समय से देश में साइबर फ्रॉड के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूक करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग इन अपराधियों का शिकार बन रहे हैं। रमेश जुले जैसे मशहूर हस्तियों के साथ हुई यह घटना बताती है कि साइबर ठग किसी को भी निशाना बना सकते हैं।
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?
अज्ञात कॉल्स पर भरोसा न करें: अगर कोई खुद को सरकारी अधिकारी बताकर डराने की कोशिश करे, तो तुरंत पुलिस या परिवार से संपर्क करें।
बैंक डिटेल्स शेयर न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी बैंक जानकारी साझा न करें।
जागरूक रहें: साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीकों के बारे में जानकारी रखें और सतर्क रहें।
रमेश जुले के साथ हुई इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया है। मुंबई साइबर पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा। तब तक हमें खुद को साइबर ठगी से बचाने के लिए सावधान रहना होगा।
अगर आपको भी साइबर फ्रॉड से जुड़ी कोई शंका हो, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें। सतर्कता ही इस खतरे से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
ये भी पढ़ें: मुंबई में पहली बार 8 बांग्लादेशी ट्रांसजेंडर गिरफ्तार: छिपी सच्चाई आई सामने