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चोरी के ट्रक बेचने वाला गिरोह पकड़ा गया, RTO के अफसर भी शामिल

चोरी के ट्रक
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नवी मुंबई क्राइम ब्रांच ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें अमरावती RTO के तीन अफसर भी शामिल हैं। ये लोग बड़े पैमाने पर चोरी के ट्रक दूसरे राज्यों में नए ट्रक बताकर रजिस्टर करवाते थे और फिर महंगे दामों पर बेच देते थे।

करीब पांच साल से चल रहे इस घोटाले में कई तरीकों से ट्रक हथियाए जाते थे। फिर, उनका इंजन और चेसिस नंबर बदलकर, उन्हें अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड जैसे राज्यों में ले जाया जाता था। वहां फर्जी कागजात के आधार पर उन्हें नए ट्रक के रूप में रजिस्टर करवा कर वापस महाराष्ट्र लाया जाता था और बेच दिया जाता था।

ट्रक चुराने की तरकीबें

इस गिरोह का सरगना जावेद अब्दुल्ला शेख उर्फ मनियार (49) है। इसके कई एजेंट महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में फैले थे। इनकी एक तरकीब थी – ऐसे ट्रक खरीदना जिनके मालिक लोन नहीं चुका पाते थे। थोड़ा सा पैसा देकर ये ट्रक के मालिक से समझौता कर लेते थे कि आगे की किश्तें वो भरेंगे। कुछ महीने किश्तें भरने के बाद, ये ट्रक को चोरी बताकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा देते थे।

RTO अफसरों की मिलीभगत

फिर, ट्रक का इंजन और चेसिस नंबर बदल दिया जाता था। फर्जी कागजातों के साथ इन्हें दूसरे राज्यों में रजिस्टर करवाया जाता था। वापस महाराष्ट्र में लाकर इन्हें सेकंड हैंड बताकर बेच दिया जाता था। अमरावती RTO के अफसरों ने बिना जांच-पड़ताल के ही इन ट्रकों के कागजात पास कर दिए। डीसीपी (क्राइम ब्रांच) अमित काले ने बताया कि अगर उन्होंने ट्रकों की सही से जांच की होती, तो ये घोटाला सामने आ जाता।

गिरफ्तारियां और बरामदगी

पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कुछ ट्रकों को रोका और जांच की तो बड़ा घोटाला सामने आया। सबसे पहले गिरफ्त में आया मनियार का एक एजेंट। इसके बाद मनियार और दूसरे साथियों की धरपकड़ हुई। गिरफ्तार RTO अफसरों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने कुल 29 ट्रक बरामद किए हैं जिनकी कीमत करीब 5.5 करोड़ रुपये है।

सरकारी विभागों में इस तरह के घोटाले आम लोगों के साथ धोखाधड़ी है। अक्सर भ्रष्टाचार के चलते लोग अपने हक से भी वंचित रह जाते हैं।

पुलिस का कहना है कि मनियार पिछले सात साल से कई राज्यों में वांछित था। ये गिरोह ऐसे ट्रक भी नए बताकर रजिस्टर करवाता था जो आठ साल से ज्यादा पुराने हो चुके थे और मुंबई में नहीं चल सकते थे।

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