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Hybrid Model Tournament: ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर खेली जाएगी चैम्पियंस ट्रॉफी, 2026 में भारत नहीं आएगी पाकिस्तानी टीम

Hybrid Model Tournament: 'हाइब्रिड मॉडल' पर खेली जाएगी चैम्पियंस ट्रॉफी, 2026 में भारत नहीं आएगी पाकिस्तानी टीम

Hybrid Model Tournament: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy) एक ऐसा टूर्नामेंट है, जो क्रिकेट प्रशंसकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। लेकिन 2025 की चैम्पियंस ट्रॉफी को लेकर जो खास चर्चा हो रही है, वह इसका हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) है। आईसीसी ने हाल ही में इस फैसले को मंजूरी दी है, जिससे टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान और दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में किया जाएगा।

क्या है हाइब्रिड मॉडल?

इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy) के आयोजन का तरीका पिछले सभी टूर्नामेंट्स से अलग होगा। हाइब्रिड मॉडल टूर्नामेंट (Hybrid Model Tournament) का मतलब है कि टूर्नामेंट के मैच दो देशों में आयोजित किए जाएंगे। पाकिस्तान में कुछ मैच होंगे, जबकि भारतीय टीम अपने सारे मुकाबले दुबई में खेलेगी। यह निर्णय भारत और पाकिस्तान के राजनीतिक संबंधों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

भारत और पाकिस्तान की टीमें कहां खेलेंगी?

चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हमेशा सबसे ज्यादा चर्चा में रहते हैं। लेकिन इस बार भारत सरकार ने भारतीय टीम को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी। इसी कारण भारतीय टीम के सभी मुकाबले दुबई में आयोजित किए जाएंगे। पाकिस्तान, जो इस टूर्नामेंट का होस्ट है, बाकी सभी मैचों का आयोजन अपने देश में करेगा।

2026 के टी20 विश्व कप को लेकर भी यही तनाव बना हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की टीम 2026 में भारत नहीं आएगी, और उनके बीच के मुकाबले कोलंबो में आयोजित किए जाएंगे।

क्रिकेट फैंस की प्रतिक्रियाएं

क्रिकेट प्रशंसकों में हाइब्रिड मॉडल टूर्नामेंट (Hybrid Model Tournament) को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ फैंस इसे एक समझदारी भरा कदम मानते हैं, जिससे दोनों देशों की टीमें बिना किसी विवाद के खेल सकेंगी। वहीं, कुछ लोग इसे क्रिकेट की आत्मा के खिलाफ मानते हैं, क्योंकि टूर्नामेंट की मेज़बानी सिर्फ एक देश में होनी चाहिए।

आईसीसी का रुख और बीसीसीआई की भूमिका

आईसीसी ने इस मॉडल को मंजूरी देने से पहले पीसीबी और बीसीसीआई के बीच लंबी बातचीत की। बीसीसीआई ने भारत की सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया था। इसके बाद हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) को लागू करना पड़ा। आईसीसी ने साफ किया कि इस मॉडल से टूर्नामेंट की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

क्या यह मॉडल सफल होगा?

हालांकि, टूर्नामेंट की सफलता का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है, लेकिन हाइब्रिड मॉडल के ज़रिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि सभी टीमें आराम से खेल सकें। दुबई में पहले से ही बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित होते रहे हैं, इसलिए भारतीय टीम के लिए यह जगह उपयुक्त साबित हो सकती है।

आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy) को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है, और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि यह अनोखा हाइब्रिड मॉडल टूर्नामेंट (Hybrid Model Tournament) कितना सफल होगा।


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