मतगणना की पूर्व संध्या पर विपक्ष की चुनाव आयोग से मुलाकात: पांच सूत्रीय मांगों का पिटारा, पोस्टल बैलट के नतीजों को EVM के परिणामों से आगे रखने की गुहार
जैसे ही चुनावी मौसम की गिनती की घड़ी नजदीक आती है, राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज हो जाती हैं। इस बार, विपक्ष ने चुनाव आयोग के दरवाजे पर दस्तक दी है, अपनी पांच मांगों के साथ। उनकी प्रमुख मांग है कि पोस्टल बैलट के नतीजे, जो दूर-दराज के मतदाताओं और सेवा में लगे जवानों की आवाज होते हैं, EVM के परिणामों से पहले जारी किए जाएं।
विपक्ष का कहना है कि पोस्टल बैलट के नतीजे चुनावी प्रक्रिया के सबसे शुद्ध रूप हैं, जो बिना किसी दबाव और प्रभाव के आते हैं। इसलिए, इनका महत्व EVM के नतीजों से कम नहीं होना चाहिए। उनकी अन्य मांगों में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुरक्षा, और निष्पक्षता को बढ़ाने के उपाय शामिल हैं।
चुनाव आयोग से इस मुलाकात के दौरान, विपक्ष ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया और आयोग से आग्रह किया कि वे इन मांगों पर गौर करें और उन्हें लागू करें। विपक्ष का मानना है कि इन मांगों का सम्मान करने से चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और भी मजबूत होगी।
अब सभी की नजरें चुनाव आयोग पर हैं, कि वह इन मांगों पर क्या निर्णय लेता है। क्या विपक्ष की इन मांगों को माना जाएगा, या फिर चुनावी परिणामों की घोषणा पहले की तरह ही EVM के नतीजों के साथ होगी? यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। चुनावी नतीजों की घड़ी नजदीक आते ही, इस बहस में और भी तेजी आने की संभावना है।