भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग इन दिनों एक अजीब सी स्थिति में है। एक तरफ यह तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन दूसरी तरफ इसे कुछ बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी चुनौती है नई तकनीक के लिए काम करने वाले कुशल लोगों की कमी। खासकर सॉफ्टवेयर-डिफाइन्ड व्हीकल (SDV) और एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे नए क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की बहुत जरूरत है।
एक जांच में पता चला है कि करीब 94 प्रतिशत कार बनाने वाली कंपनियों को इन नए क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को ढूंढने में बहुत मुश्किल हो रही है। यही नहीं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी ऐसे ही हालात हैं। यह जानकारी स्किल-लिंक नाम की एक कंपनी ने दी है, जिसने भारत की बड़ी कार कंपनियों के 220 से ज्यादा अधिकारियों से बात करके यह पता लगाया है।
इस जांच में यह भी पता चला है कि कंपनियों को सबसे ज्यादा जरूरत उन लोगों की है, जिन्हें काम का 3 से 7 साल का अनुभव हो। करीब 60-65 प्रतिशत नौकरियां ऐसे लोगों के लिए हैं। लेकिन ऐसे लोग मिल नहीं रहे हैं, जो इन नई तकनीकों को अच्छी तरह जानते हों।
स्किल-लिंक के एक बड़े अधिकारी कृष्ण बंडारू ने कहा है कि यह बहुत जरूरी है कि हमारे देश में काम करने वाले लोग इन नई तकनीकों के बारे में सीखें। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट बहुत काम की है। इससे कार उद्योग में काम करने वाले लोगों, सरकार के अधिकारियों, शिक्षकों और पैसा लगाने वालों को मदद मिलेगी।
भारत का कार उद्योग दुनिया में तीसरे नंबर पर है। यह उम्मीद की जा रही है कि साल 2035 तक इस उद्योग की कीमत 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हमारे पास ऐसे इंजीनियर हों, जो इलेक्ट्रिक कारों, ADAS, सॉफ्टवेयर-डिफाइन्ड व्हीकल और डेटा एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों को अच्छी तरह जानते हों।
कार कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उन्हें SDV और ADAS क्षेत्रों में काम करने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं। कंपनियों को ऐसे लोगों की जरूरत है, जिन्हें 3 से 7 साल का अनुभव हो। लेकिन ऐसे लोग बहुत कम हैं। इस समस्या को हल करने के लिए जरूरी है कि स्कूलों और कॉलेजों में इन नई तकनीकों के बारे में पढ़ाया जाए, ताकि नए लोग इन्हें सीख सकें।
कार उद्योग में तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। SDV और ADAS जैसी नई तकनीकों को जानने वाले लोगों की मांग बढ़ रही है। लेकिन ऐसे लोग कम होने के कारण कार उद्योग की तरक्की में रुकावट आ रही है। इसके लिए जरूरी है कि कार कंपनियां और शिक्षा देने वाले संस्थान मिलकर काम करें और ऐसे लोग तैयार करें जो इन नई तकनीकों को अच्छी तरह जानते हों।
उम्मीद है कि आने वाले समय में कार उद्योग और भी तेजी से बढ़ेगा। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नई तकनीकों को जानने वाले लोगों की कमी को दूर किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ कार उद्योग आगे बढ़ेगा, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
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