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iPhone and 5G in India: चीन को झटका, भारत बनेगा iPhone का वैश्विक हब, 5G नेटवर्क का विस्तार

iPhone and 5G in India: चीन को झटका, भारत बनेगा iPhone का वैश्विक हब, 5G नेटवर्क का विस्तार

iPhone and 5G in India: भारत की धरती पर एक नई तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो रही है। कभी मोबाइल फोन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाला भारत आज वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बन रहा है। एप्पल जैसी दिग्गज कंपनी अब अपने सभी iPhone मॉडल भारत में बनाने की तैयारी कर रही है, और इसका असर न केवल अर्थव्यवस्था पर, बल्कि वैश्विक बाजार पर भी पड़ने वाला है। साथ ही, भारत में 5G नेटवर्क (5G Network) का तेजी से विस्तार हो रहा है, जो देश को डिजिटल युग में और आगे ले जा रहा है। हाल ही में हुए भारत टेलीकॉम 2025 (Bharat Telecom 2025) इवेंट ने इन दोनों क्षेत्रों में भारत की प्रगति को दुनिया के सामने रखा। आइए, इस कहानी को गहराई से समझते हैं।

कुछ साल पहले तक भारत में मोबाइल फोन का मतलब था विदेशों से आयात। लेकिन आज तस्वीर बदल चुकी है। भारत टेलीकॉम 2025 (Bharat Telecom 2025) इवेंट में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा की कि एप्पल अब अपने सभी iPhone मॉडल भारत में मैन्युफैक्चर करेगा। यह खबर न केवल भारत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि चीन जैसे देशों के लिए एक बड़ा झटका भी है, जो लंबे समय से iPhone मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र रहा है। एप्पल के सीईओ टिम कुक ने भी हाल ही में पुष्टि की कि जून 2025 से अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhone भारत से निर्यात किए जाएंगे। ये फोन पूरी तरह से मेड इन इंडिया होंगे। इसका मतलब है कि भारत से बने iPhone न केवल अमेरिका, बल्कि यूरोपीय देशों में भी अपनी जगह बनाएंगे।

यह बदलाव अचानक नहीं हुआ। भारत सरकार की मेक इन इंडिया (Make in India) पहल ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2014 में शुरू हुई इस पहल का लक्ष्य था भारत को मैन्युफैक्चरिंग का वैश्विक हब बनाना। आज इसके परिणाम साफ दिखाई दे रहे हैं। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने भारत टेलीकॉम 2025 इवेंट में बताया कि 2014 में भारत ने केवल 60 लाख मोबाइल फोन बनाए थे, जबकि 21 करोड़ यूनिट आयात किए थे। लेकिन 2024 में भारत ने 33 करोड़ यूनिट बनाए, जिनमें से 5 करोड़ यूनिट निर्यात किए गए। यह उपलब्धि मेक इन इंडिया (Make in India) की सफलता की कहानी है। भारत अब मोबाइल फोन का आयातक नहीं, बल्कि एक प्रमुख निर्यातक बन चुका है।

एप्पल की भारत में बढ़ती रुचि के पीछे कई कारण हैं। अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर, चीन में बढ़ते टैरिफ, और कोविड महामारी जैसी अनिश्चितताओं ने एप्पल को वैकल्पिक देशों की तलाश करने के लिए मजबूर किया। भारत ने इस अवसर को दोनों हाथों से थामा। यहाँ कम आयात कर, सस्ती श्रम लागत, और मेक इन इंडिया जैसी योजनाएँ कंपनियों के लिए आकर्षक साबित हुईं। तमिलनाडु और कर्नाटक में फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियाँ एप्पल के लिए iPhone बना रही हैं। फॉक्सकॉन ने कर्नाटक में 23,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक नया प्लांट शुरू किया है, जो 20 मिलियन iPhone प्रतिवर्ष बना सकता है। टाटा भी तेजी से एप्पल का प्रमुख साझेदार बन रहा है, और तमिलनाडु के होसुर में उसका नया प्लांट iPhone 16 जैसे मॉडल बना रहा है। 2024 में भारत से 17.4 बिलियन डॉलर (लगभग 1.49 लाख करोड़ रुपये) के iPhone निर्यात किए गए, जिनमें से 70% विदेशों में बिके।

iPhone मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ भारत में 5G नेटवर्क (5G Network) का विस्तार भी उल्लेखनीय है। भारत टेलीकॉम 2025 इवेंट में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि देश के 99% गाँवों तक 5G नेटवर्क पहुँच गया है। यह उपलब्धि 4.7 लाख मोबाइल टावरों के जरिए हासिल की गई है। देश की 82% आबादी अब 5G की सुविधा का लाभ उठा रही है। यह डिजिटल क्रांति का एक बड़ा कदम है, जो भारत को सुपरफास्ट मोबाइल कम्युनिकेशन के युग में ले जा रहा है। इस विस्तार का फायदा न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण भारत में भी देखने को मिल रहा है, जहाँ लोग अब तेज़ इंटरनेट के जरिए शिक्षा, व्यापार, और मनोरंजन से जुड़ रहे हैं।

भारत टेलीकॉम 2025 (Bharat Telecom 2025) इवेंट ने भारत की तकनीकी प्रगति को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया। इस इवेंट में न केवल iPhone मैन्युफैक्चरिंग और 5G विस्तार की बात हुई, बल्कि भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई। उदाहरण के लिए, 5G इनोवेशन हैकाथॉन 2025 की घोषणा की गई, जो स्टार्टअप्स और छात्रों को 5G तकनीक पर आधारित समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह आयोजन भारत के 6G विजन को भी मजबूत करता है, जिसके तहत देश इस दशक के अंत तक 6G सर्विस शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है।

भारत का यह बदलाव सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। iPhone मैन्युफैक्चरिंग से लाखों नौकरियाँ पैदा हो रही हैं। फॉक्सकॉन के श्रीपेरंबुदूर प्लांट में अकेले 40,000 लोग काम कर रहे हैं। ये नौकरियाँ न केवल युवाओं को रोजगार दे रही हैं, बल्कि उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही हैं। साथ ही, 5G नेटवर्क का विस्तार ग्रामीण भारत में डिजिटल शिक्षा और टेलीमेडिसिन जैसी सेवाओं को बढ़ावा दे रहा है। यह भारत के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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