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Maa Kali’s crown theft: मां काली का मुकुट बांग्लादेश में हुआ गायब, मोदी का दिया तोहफा नहीं संभाल सकी यूनुस सरकार

Maa Kali’s crown theft: मां काली का मुकुट बांग्लादेश में हुआ गायब: मोदी का दिया तोहफा नहीं संभाल सकी यूनुस सरकार
Maa Kali’s crown theft: बांग्लादेश के प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी मंदिर से देवी काली का कीमती मुकुट चोरी हो गया है। यह मुकुट इसलिए खास था क्योंकि इसे 2021 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपहार स्वरूप भेंट किया था। चोरी की यह घटना तब सामने आई जब मंदिर में पूजा समाप्त होने के बाद पुजारी बाहर जा चुके थे।

मां काली का मुकुट चोरी: पीएम मोदी का अनमोल तोहफा

बांग्लादेश के सतखीरा जिले में स्थित जेशोरेश्वरी मंदिर, जो 51 शक्ति पीठों (51 Shakti Peeths) में से एक है, से मां काली का मुकुट चोरी ( Maa Kali’s crown theft) हो गया है। यह मुकुट इसलिए भी खास था क्योंकि इसे खुद पीएम मोदी ने मार्च 2021 में अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान देवी काली को भेंट किया था। इस मुकुट का निर्माण चांदी से हुआ था और सोने से मढ़ा गया था। यह मुकुट मंदिर में धार्मिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि भारत और बांग्लादेश के संबंधों का प्रतीक भी था।

पुलिस द्वारा इस चोरी की गहन जांच की जा रही है और मंदिर के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि दोषियों का पता लगाया जा सके। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, चोरी की यह घटना दोपहर 2:00 से 2:30 बजे के बीच हुई। इस समय मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी पूजा के बाद मंदिर से बाहर चले गए थे, और सफाई कर्मचारियों द्वारा मुकुट की चोरी की सूचना दी गई।

जेशोरेश्वरी मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता

जेशोरेश्वरी मंदिर, जिसे 51 शक्ति पीठों में गिना जाता है, बांग्लादेश के सातखिरा जिले के ईश्वरीपुर गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में अनारी नामक ब्राह्मण द्वारा किया गया था। बाद में इसका पुनर्निर्माण 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन द्वारा करवाया गया था और 16वीं शताब्दी में राजा प्रतापदित्य ने इसे फिर से पुनर्जीवित किया। यह मंदिर हिंदू भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है और यहां देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें मां काली के रूप में भी जाना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान इस मंदिर में नवरात्रि के मौके पर मां काली के सिर पर प्रतीकात्मक रूप से यह मुकुट रखा था। उस समय उन्होंने यह वादा भी किया था कि भारत इस मंदिर में एक बहुउद्देशीय सामुदायिक हॉल का निर्माण करेगा, जिसका उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा सामाजिक, धार्मिक, और शैक्षणिक आयोजनों के लिए किया जा सकेगा। इस सामुदायिक हॉल का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य यह होगा कि प्राकृतिक आपदाओं, जैसे चक्रवात के समय, यह लोगों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में काम करेगा।

अवैध गतिविधियों और सुरक्षा पर सवाल

यह चोरी तब हुई जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। बांग्लादेश की यूनुस सरकार के कार्यकाल में, हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमले और चोरी की घटनाएं चिंता का विषय बन चुकी हैं। इस घटना ने बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब यह मामला एक ऐसा मुकुट से जुड़ा है जो भारत-बांग्लादेश संबंधों का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जा रहा था।

जेशोरेश्वरी मंदिर की सुरक्षा में चूक और मुकुट की चोरी ने हिंदू समुदाय में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्दी से जल्दी दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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