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Hizb-ut-Tahrir: हिज्ब-उत-तहरीर (HuT)- भारत ने क्यों घोषित किया इस आतंकी संगठन को सबसे बड़ा खतरा?

Hizb-ut-Tahrir: हिज्ब-उत-तहरीर (HuT)- भारत ने क्यों घोषित किया इस आतंकी संगठन को सबसे बड़ा खतरा?

Hizb-ut-Tahrir Khilafat Establishment: भारत सरकार ने हाल ही में हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। यह एक पैन-इस्लामिक समूह है, जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में की गई थी। संगठन का मुख्य उद्देश्य इस्लामी खिलाफत स्थापित करना है, और इसके लिए यह दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। इस प्रतिबंध से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति को और मज़बूत किया है।

हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb-ut-Tahrir) का इतिहास और उसके उद्देश्यों की गहराई

हिज्ब-उत-तहरीर का गठन 1953 में हुआ था, जब इसके संस्थापकों ने खिलाफत की स्थापना (Khilafat Establishment) का विचार रखा। उनका मानना था कि इस्लामी खिलाफत ही दुनिया में शांति और न्याय ला सकती है। इसके लिए संगठन ने जिहाद के माध्यम से इस्लामी स्टेट स्थापित करने की योजना बनाई। इसका लक्ष्य लोकतांत्रिक देशों की सरकारों को उखाड़ फेंकना और उनकी जगह एक सख्त इस्लामी शासन स्थापित करना है।

इस संगठन का मकसद साफ है – वैश्विक इस्लामी शासन (Global Islamic Rule) की स्थापना। हिज्ब-उत-तहरीर ने सोशल मीडिया, ऑनलाइन प्लेटफार्मों, और अन्य गुप्त साधनों का उपयोग करके युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम किया है। ये प्लेटफॉर्म संगठन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्य उपकरण रहे हैं। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए यह संगठन एक गंभीर खतरा बन चुका है, जो यहां की संवैधानिक व्यवस्था को अस्थिर करना चाहता है।

हिज्ब-उत-तहरीर की गतिविधियों पर भारत की नजर

भारत के गृह मंत्रालय ने हाल ही में इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित करते हुए कहा कि यह आतंकवाद का प्रचार (Terrorism Promotion) कर रहा है। संगठन युवाओं को उकसाता है कि वे आतंकवादी समूहों में शामिल हों और उनके साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियों में भाग लें। सरकार का यह भी कहना है कि यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने का भी काम करता है।

भारत सरकार के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb-ut-Tahrir) का मुख्य उद्देश्य युवाओं को इस्लामिक स्टेट जैसी आतंकी विचारधारा की ओर खींचना है। यह संगठन सिर्फ धार्मिक शिक्षा या समर्थन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को आतंकवादी बनने के लिए प्रेरित करता है। इसके माध्यम से यह संगठन आईएसआईएस (ISIS) जैसे खतरनाक समूहों से भी जुड़ा हुआ है, जो पूरी दुनिया में आतंक फैलाने का काम कर रहे हैं।

भारत का सख्त रुख और भविष्य की चुनौतियां

भारत सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को प्रतिबंधित कर यह साबित किया है कि देश की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) के तहत इस संगठन को प्रतिबंधित किया है, ताकि इसके फैलते जाल को रोका जा सके।

इस कदम से यह संदेश स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ हर संभव कदम उठाएगा। सरकार की यह कार्रवाई दिखाती है कि वह देश के युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने के लिए सख्त है। यह प्रतिबंध सिर्फ संगठन पर ही नहीं, बल्कि उन लोगों पर भी लागू होगा जो इसके विचारधारा से जुड़े हैं।

सरकार का कहना है कि हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) भारत में आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा दे रहा है और इसे रोकने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएंगे। इससे संगठन के समर्थकों और इसके गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

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