मुंबई के घाटकोपर में हुए होर्डिंग हादसे से जुड़ी जांच में नया मोड़ आया है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सस्पेंडेड आईपीएस अधिकारी और पूर्व जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13 के तहत क्रिमिनल इंक्वायरी की सिफारिश की है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि घाटकोपर इलाके में एक अवैध होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस घटना की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को अहम सुराग मिले हैं।
होर्डिंग लगाने वाली कंपनी पर आरोप
क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली कि इस होर्डिंग के लिए ज़िम्मेदार फर्म ईगो मीडिया ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की रकम आरोपी अरशद खान को दी थी। जांच में ये भी सामने आया कि आरोपी अरशद खान का पूर्व जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद से संबंध था। इसके अलावा, खालिद की पत्नी भी एक कंपनी में डायरेक्टर हैं, जिसमें अरशद खान की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
कैसर खालिद पर क्यों हो रही है कार्रवाई की सिफारिश?
अरशद खान की गिरफ्तारी के बाद से ही कैसर खालिद पर संदेह गहराने लगा। क्राइम ब्रांच ने गृह विभाग को एक रिपोर्ट भेजकर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा इस मामले की जांच करने की सिफारिश की थी। हालांकि, अभी तक गृह विभाग ने ये मामला ACB को नहीं सौंपा है।
चार्जशीट में क्या कहा गया?
इससे पहले मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के अनुसार, जिस होर्डिंग की अनुमति 200 स्क्वायर फीट की थी, वो 33,000 स्क्वायर फीट तक बढ़ गई थी। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।
अगला कदम क्या हो सकता है?
अब ये देखना होगा कि गृह विभाग ACB को ये मामला कब सौंपता है और कैसर खालिद पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं। इस हादसे से जुड़ी हर नई जानकारी पर जनता और मीडिया की पैनी नजर बनी हुई है।
मुंबई के घाटकोपर में हुए इस भयावह हादसे में कई अहम खुलासे हो चुके हैं। जांच एजेंसियां अब बड़े अधिकारियों की भूमिका की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। आगे की कार्रवाई से साफ होगा कि इस मामले में कितने और नाम सामने आते हैं और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।
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