Mumbai MMR Water Taxi Plan: मुंबई की सड़कों पर जाम और भीड़ से हर कोई परेशान है। रोज़ाना लाखों लोग लोकल ट्रेन, बस और ऑटो में धक्के खाते हैं। लेकिन अब इस शहर को एक नया रास्ता मिलने वाला है, जो समुद्र की लहरों पर तैरता हुआ लोगों का सफर आसान करेगा। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में वॉटर टैक्सी (Water Taxi, वॉटर टैक्सी) शुरू करने की योजना बनाई है। हाल ही में एक टेक्नो-इकनॉमिक फीजिबिलिटी स्टडी सामने आई, जिसमें 10 रूट्स के साथ 252 किलोमीटर की दूरी को कवर करने का प्रस्ताव है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2500 करोड़ रुपये है। यह खबर उन लोगों के लिए राहत की सांस लेकर आई है, जो मुंबई की ट्रैफिक से तंग आ चुके हैं।
यह अध्ययन कोच्चि वॉटर मेट्रो ने तैयार किया और इसे 16 जून 2025 को राज्य के बंदरगाह मंत्री नितेश राने को सौंपा गया। इस योजना में न केवल मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ा जाएगा, बल्कि ठाणे, पालघर और रायगढ़ जैसे क्षेत्रों को भी समुद्री रास्तों से जोड़ने की बात है। प्रस्तावित 10 रूट्स में से कुछ बेहद खास हैं। जैसे, नारंगी से खरवडेश्वरी (1 किलोमीटर), वसई से मीरा भायंदर, गायमुख, नागले (16 किलोमीटर), और बेलापुर से गेटवे ऑफ इंडिया, मांडवा (38 किलोमीटर) जैसे रास्ते शामिल हैं। इसके अलावा, वसई से नरीमन पॉइंट (61 किलोमीटर) और गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा, न्हावा (17 किलोमीटर) जैसे रूट्स भी इस योजना का हिस्सा हैं। इन रास्तों पर सफर न केवल समय बचाएगा, बल्कि मुंबई की खूबसूरत समुद्री तटों का नजारा भी देगा।
इस परियोजना की खास बात यह है कि यह सिर्फ मुंबई के पूर्वी तट तक सीमित नहीं रहेगी। बैठक में पश्चिमी तट पर भी अतिरिक्त रूट्स शुरू करने पर चर्चा हुई। वरली, जुहू और वर्सोवा जैसे इलाकों को भी इस नेटवर्क में जोड़ा जाएगा। यह कदम मुंबई के उन इलाकों को राहत देगा, जहां ट्रैफिक की समस्या सबसे ज्यादा है। अध्ययन के अनुसार, 2031 तक इन रूट्स पर रोज़ाना 2.44 लाख यात्राएं होंगी, जो 2041 तक बढ़कर 3.42 लाख हो जाएंगी। इतनी बड़ी संख्या से साफ है कि मुंबईवासियों को यह नया परिवहन साधन खूब पसंद आएगा।
इस परियोजना को हकीकत में बदलने के लिए कई तरह की तैयारियां की जा रही हैं। मौजूदा वॉटर ट्रांसपोर्ट टर्मिनलों को अपग्रेड करने की लागत प्रति टर्मिनल 5 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसके अलावा, नए टर्मिनल, जेटी, फ्लोटिंग पोंटून, गैंगवे, नावों की मरम्मत के लिए बोatyards, रात में पार्किंग और ईंधन भरने की सुविधाएं, सड़कों का विकास, पार्किंग और गैर-मोटर चालित परिवहन (NMT) जैसी सुविधाएं भी बनाई जाएंगी। ये सभी इंतजाम यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित सफर देने के लिए होंगे।
इस योजना के कुछ रूट्स को 2029 के बाद आर्थिक रूप से व्यवहार्य माना गया है, जबकि दो रूट्स को शुरू करने के लिए सरकार को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) देनी होगी। इसका मतलब है कि इन रूट्स को चलाने के लिए शुरुआती खर्च सरकार वहन करेगी, ताकि यात्रियों को सस्ती और सुविधाजनक सेवा मिल सके। कोच्चि वॉटर मेट्रो की सफलता को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि मुंबई में भी यह परियोजना ट्रैफिक की समस्या को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी।
मुंबई का इतिहास समुद्र से जुड़ा रहा है। सैकड़ों सालों से कोली मछुआरे इस शहर के तटों पर अपनी आजीविका चला रहे हैं। आज भी ससून डॉक और गेटवे ऑफ इंडिया जैसे इलाके मुंबई के समुद्री महत्व को दर्शाते हैं। लेकिन अब यह शहर अपने समुद्र को सिर्फ मछली पकड़ने या पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के सफर के लिए भी इस्तेमाल करने जा रहा है। पहले से चल रही बेलापुर-एलिफेंटा और बेलापुर-जेएनपीटी जैसी सेवाओं ने दिखाया है कि समुद्री परिवहन कितना प्रभावी हो सकता है। अब इस नई परियोजना के साथ मुंबई एक कदम और आगे बढ़ने को तैयार है।
यह परियोजना सिर्फ समय बचाने तक सीमित नहीं है। यह मुंबई की हवा को साफ करने और सड़कों पर गाड़ियों का बोझ कम करने में भी मदद करेगी। कोच्चि वॉटर मेट्रो की तरह ही यहां भी पर्यावरण के अनुकूल नावों का इस्तेमाल होगा। ये नावें कम ईंधन खपत करेंगी और प्रदूषण को कम करेंगी। साथ ही, यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी लाएगी। टर्मिनल कर्मचारी, नाव चालक, मेंटेनेंस स्टाफ और अन्य सेवाओं में हजारों लोगों को काम मिलेगा।
मुंबई के लिए यह परियोजना एक सपने की तरह है। सालों से लोग इस शहर की ट्रैफिक से जूझ रहे हैं। 2021 में टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स ने मुंबई को दुनिया का पांचवां सबसे भीड़भाड़ वाला शहर बताया था। हर साल एक औसत मुंबईकर ट्रैफिक में 121 घंटे बर्बाद करता है। ऐसे में वॉटर टैक्सी सर्विस (Water Taxi Service, वॉटर टैक्सी सर्विस) न सिर्फ समय बचाएगी, बल्कि लोगों के जीवन को आसान और तनावमुक्त बनाएगी।
अब सरकार का अगला कदम इस परियोजना का डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करना है। इसमें और रूट्स जोड़े जाएंगे और लागत का ब्योरा साफ होगा। नितेश राने ने इस योजना को तीन महीने में अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो जल्द ही मुंबईवासी समुद्र की लहरों पर सैर करते हुए अपने ऑफिस, घर और बाजार पहुंच सकेंगे। यह न केवल एक परिवहन क्रांति होगी, बल्कि मुंबई की नई पहचान भी बनेगी।
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