Mumbai ONTV News: ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर या ट्रांजेक्शन करने के नाम पर लोगों को ठगने का एक नया तरीका सामने आया है। इसे ‘टास्क फ्रॉड’ कहा जा रहा है। इसमें ठग लोगों को कुछ ऑनलाइन कार्य करने के बदले में अच्छा रिटर्न देने का वादा करते हैं और उनसे पैसे लेते हैं। बाद में न तो उन्हें कोई रिटर्न मिलता है और न ही उनका पैसा वापस किया जाता है। महाराष्ट्र के नवी मुंबई में एक 37 वर्षीय व्यक्ति इसी तरह के फ्रॉड का शिकार हुआ है। उसने ऑनलाइन कार्यों के लिए 10.13 लाख रुपये गंवा दिए हैं।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति का नाम राहुल शर्मा (नाम बदला गया है) है। वह नवी मुंबई के खारघर इलाके में रहता है। उसे जनवरी के महीने में वाट्सएप पर एक मैसेज आया था, जिसमें उसे ऑनलाइन कार्य करने के लिए आमंत्रित किया गया था। मैसेज में लिखा था कि उसे कुछ वेबसाइट्स या ऐप्स को रेट करना होगा और उसके बदले में उसे प्रति रेटिंग 50 रुपए मिलेंगे। राहुल ने इस ऑफर को मंजूर कर लिया और उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया।
टेलीग्राम ग्रुप में उसे रोजाना अलग-अलग लिंक भेजे जाते थे, जिन पर उसे क्लिक करके वेबसाइट्स या ऐप्स को रेट करना होता था। उसे ये भी बताया गया था कि उसे रेटिंग के लिए पहले ही पैसे देने होंगे, जो बाद में उसे वापस मिल जाएंगे। राहुल ने इस बात पर विश्वास कर लिया और उसने अलग-अलग बैंक खातों और यूपीआई आईडी के माध्यम से ठगों को 10.13 लाख रुपये भेज दिए। उसे शुरुआत में कुछ पैसे भी वापस मिले, जिससे उसे लगा कि वो सही काम कर रहा है। (Mumbai ONTV News)
लेकिन जब उसे लंबे समय तक उसका पूरा पैसा नहीं मिला, तो उसने ठगों से पूछा तो उन्होंने उसे धमकाया और फिर उसका फोन भी काट दिया। राहुल ने तब जाकर समझा कि उसे ठग लिया गया है। उसने फिर नवी मुंबई के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों का पता लगाने के लिए उनके बैंक खातों और यूपीआई आईडी का ट्रेस कर रही है। (Mumbai ONTV News)
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