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National News: अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं जा सकेंगे कोचिंग, वर्ना कोचिंग सेंटरों को भरना होगा इतना जुर्माना

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National News: 19 जनवरी को केंद्र सरकार ने एक अहम और बड़ा फैसला लेते हुए देशभर में चलने वाले कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसने का काम किया है. सरकार की ओर से प्राइवेट कोचिंग सेंटरों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करते हुए आदेश दिया है कि, अब से 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग नहीं जा सकते. सरकार के इन आदेशों की अवहेलना करने वालों पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके आलावा उस कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द भी हो सकता है. कहा ये भी जा रहा है कि, पिछले कुछ सालों से कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों के द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं ज्यादा सामने आ रही हैं, इसको ध्यान में रखते हुए भी सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए गाइडालन्स जारी की है.

देश के एजुकेशन मिनिस्टर द्वारा जो गाइडलाइन्स जारी किए गए हैं, उसके अनुसार कोई भी कोचिंग सेंटर 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने यहां एडमिशन नहीं ले सकते. बच्चों या बच्चों के पेरेंट्स से वादा नहीं कर सकते कि, वो बच्चे को अच्छा नंबर दिला देंगे. या किसी तरह की भी कोई गारंटी नहीं दे सकते. भारत सरकार अपने इस दिशानिर्देश के जरिये देशभर में बेतरतीब तरीके से फैल रहे निजी कोचिंग संस्थानों को रोकने की कोशिश भी करेगी.

कोचिंग सेंटरों को लेकर क्यों सख्त हुई सरकार? (National News)

आए दिन छात्रों के द्वारा किए जाने वाले आत्महत्या और कोचिंग सेंटरों के पढ़ाने के तरीके के खिलाफ मिली शिकायतों जैसे मामलों के मद्देनजर मंत्रालय की ओर से ये  दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इस गाइडलाइन्स में कहा गया है कि, “कोई भी कोचिंग सेंटर ग्रेजुएशन से कम योग्यता वाले टीचरों को नियुक्त नहीं कर सकता. छात्रों का एडमिशन अपने कोचिंग में कराने के लिए कोई किसी बच्चे या उसके माता पिता को अच्छे रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकता. 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का एडिशन कोई भी कोचिंग सेंटर अपने यहां नहीं कर सकता. किसी भी छात्र का कोचिंग में रजिस्ट्रेशन माध्यमिक विद्यालय पास करने के बाद ही होना चाहिए.”(National News)

सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, “कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं या ऐसे कोचिंग संस्थान या उनके संस्थान में पढ़े छात्र द्वारा प्राप्त परिणाम के बारे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी दावे को लेकर कोई भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करवा सकते हैं. यहां तक कि प्रकाशन में भाग भी नहीं ले सकते.” यही नहीं, भारत सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए ये भी कहा है कि, कोचिंग सेंटर किसी शिक्षक या व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो अनैतिक कदाचार या किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो. जो सरकार के इन दिशानिर्देशों का पालन करेगा, उसे ही पंजीकृत किया जाएगा.(National News)

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बच्चों पर नहीं डाल सकते अनावश्यक दबाव

भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश में आगे कहा गया है कि, “हर कोचिंग संस्थानों की वेबसाइट होगी, जिसमें पढ़ाने वाले टीचरों की योग्यता, पाठ्य सामग्री, कोर्स पूरा होने की अवधि, होस्टल सुविधाएं और फीस का पूरा वितरण होगा.” इसके अलावा गाइडलाइन्स में ये भी कहा गया है कि, विद्यार्थियों पर शैक्षणिक दबाव और टफ कंपीटिशन के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए और उनपर जरूरत से ज्यादा दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए.

बीच में कोर्स छोड़ने पर लौटानी होगी फीस

कोई भी छात्र अगर किसी कारण से बीच में अपना कोर्स छोड़ता है, तो उस कोचिंग सेंटर की जिम्मेदारी होगी, कि उस छात्र का बकाया पूरा फीस वापस लौटाए. कोचिंग सेंटर के द्वारा फीस की रसीद दी जानी भी आवश्यक होगी. केंद्र ने कोचिंग सेंटरों के लिए आदेश जारी किया है कि  गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने पर कोचिंग सेंटरों पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर उस कोचिंग सेंटर का पंजीकरण भी रद्द हो सकता है. गाइडलाइन्स में ये भी कहा गया है कि, कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की निगरानी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होंगे. (National News)

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