नवी मुंबई: हाल ही में 39 फ्लेमिंगो एक विमान से टकराकर मारे गए थे। अब पर्यावरणविदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर नवी मुंबई के DPS झील के आसपास ड्रोन से पक्षियों को होने वाले खतरे के बारे में बताया है।
क्या है पूरा मामला?
हर साल इस मौसम में फ्लेमिंगो बड़ी संख्या में DPS झील के आसपास आते हैं। लोग इनकी तस्वीरें और वीडियो लेने के लिए झील के पास जमा होते हैं। सोशल मीडिया पर रील्स और शॉर्ट्स का चलन बढ़ने से लोग ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करके पक्षियों की वीडियो बनाने लगे हैं, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
पर्यावरणविदों ने जताई चिंता
Save Flamingos and Mangroves Forum की एक्टिविस्ट रेखा संखला कहती हैं कि युवा पक्षियों को देखकर उत्साहित हो जाते हैं और ड्रोन कैमरे से उनकी वीडियो बनाने लगते हैं। इससे पक्षी डर जाते हैं और उनके उड़ने पर खतरा भी पैदा हो सकता है।
ड्रोन से पक्षियों को चोट लगने का खतरा
NatConnect के डायरेक्टर बी.एन. कुमार के मुताबिक, “विमान और पत्थर फेंकने वालों के बाद अब ड्रोन फ्लेमिंगो के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। कई बार ड्रोन पक्षियों के एक-दो फीट ऊपर उड़ाए जाते हैं, जिससे उन्हें चोट लग सकती है या उनकी मौत भी हो सकती है।”
सरकार से मदद की गुहार
कुमार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक, नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर और मैंग्रोव सेल को भी ईमेल भेजकर इस मामले में दखल देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि फ्लेमिंगो के आसपास ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप जरूरी है।