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Navi Mumbai Textile Upcycling Project: नवी मुंबई की अनोखी पहल, पुराने कपड़ों को नया जीवन देने वाला भारत का पहला प्रोजेक्ट

Navi Mumbai Textile Upcycling Project: नवी मुंबई की अनोखी पहल, पुराने कपड़ों को नया जीवन देने वाला भारत का पहला प्रोजेक्ट

Navi Mumbai Textile Upcycling Project: क्या आपने कभी सोचा कि आपके पुराने कपड़े, जो अब अलमारी में धूल खा रहे हैं, किसी के लिए नई उम्मीद बन सकते हैं? नवी मुंबई ने ऐसा ही एक कदम उठाया है, जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गया है। आज, 21 मार्च 2025 को, नवी मुंबई देश का पहला शहर बन गया है, जिसने पुराने कपड़ों की रीसाइक्लिंग (Post-Consumer Textile Upcycling) की शुरुआत की है। यह खबर न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छी है, बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा है। आइए, इस कहानी को थोड़ा करीब से जानते हैं कि कैसे नवी मुंबई इस बदलाव की शुरुआत कर रहा है।

एक नई सोच की शुरुआत

नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) ने फैशन की दुनिया से निकलने वाले कचरे को कम करने के लिए एक खास योजना बनाई है। हर साल लाखों टन कपड़े कूड़े में फेंक दिए जाते हैं, जो नदियों, जमीन और हवा को प्रदूषित करते हैं। इस समस्या को देखते हुए, नवी मुंबई ने पुराने कपड़ों को इकट्ठा करके उन्हें नए प्रोडक्ट्स में बदलने का फैसला किया। इस प्रोजेक्ट का नाम है नवी मुंबई टेक्सटाइल अपसाइक्लिंग प्रोजेक्ट (Navi Mumbai Textile Upcycling Project)। इसका मकसद साफ है – कचरे को कम करना और लोगों को रोजगार देना।

इस पहल की शुरुआत पिछले साल 11 अक्टूबर 2024 को हुई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसे हरी झंडी दिखाई। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में इसकी तारीफ की थी। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह दिखाता है कि छोटे-छोटे बदलाव बड़े नतीजे ला सकते हैं।

कैसे काम करता है यह प्रोजेक्ट?

सोचिए, आपके घर में जो पुरानी जींस, शर्ट या बच्चों के कपड़े पड़े हैं, वे अब बेकार नहीं रहेंगे। नवी मुंबई में लोगों से कहा गया है कि वे अपने इस्तेमाल किए हुए कपड़े खास बक्सों में डालें, जो शहर की हाउसिंग सोसाइटी में लगाए गए हैं। ये कपड़े पैंट, शर्ट, जैकेट, ड्रेस, बच्चों के कपड़े, कंबल, चादर या तौलिये हो सकते हैं। लेकिन गंदे कपड़े, मेडिकल कचरा, चमड़े की चीजें या औद्योगिक कपड़े इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं होंगे।

अब तक 47 सोसाइटी में 49 खास बक्से लगाए जा चुके हैं। इन बक्सों में डाले गए कपड़ों को खास गाड़ियों से सीबीडी बेलापुर में बने टेक्सटाइल रीसाइक्लिंग सेंटर तक ले जाया जाता है। वहां इन कपड़ों को छांटा जाता है और फिर हाथ से बुनाई की तकनीक का इस्तेमाल करके नए प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं। ये प्रोडक्ट्स बाजार में बिक्री के लिए रखे जाते हैं, जिससे न सिर्फ कचरा कम होता है, बल्कि लोगों को कमाई का मौका भी मिलता है।

महिलाओं की ताकत इस प्रोजेक्ट में

इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ये महिलाएं पुराने कपड़ों को नए डिजाइन में बदलने का काम कर रही हैं। इससे न सिर्फ उनकी कला को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। मिसाल के तौर पर, एक पुरानी साड़ी को बैग में या शर्ट को बच्चों के कपड़ों में बदला जा सकता है। यह देखकर लगता है कि कैसे एक साधारण आइडिया समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।

नवी मुंबई नगर निगम ने इस काम के लिए SBI फाउंडेशन, IDH इंडिया हब और टिसर आर्टिसन ट्रस्ट के साथ हाथ मिलाया है। इन संगठनों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत यह प्रोजेक्ट चल रहा है। पहले चरण में 250 हाउसिंग सोसाइटी में कपड़े जमा करने के बक्से लगाने का लक्ष्य है, और यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

पर्यावरण और रोजगार का डबल फायदा

फैशन की दुनिया में ट्रेंड्स तेजी से बदलते हैं। हर साल नए कपड़े खरीदे जाते हैं और पुराने फेंक दिए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कपड़े कचरे के ढेर में जाकर पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचाते हैं? नवी मुंबई का यह प्रोजेक्ट इस समस्या का हल ढूंढ रहा है। कपड़ों को दोबारा इस्तेमाल करने से कचरे का बोझ कम होगा और लैंडफिल में जाने वाली चीजें घटेंगी।

साथ ही, यह प्रोजेक्ट लोगों के लिए रोजगार का जरिया भी बन रहा है। खासकर महिलाएं और कारीगर इसमें हिस्सा लेकर अपनी जिंदगी को बेहतर बना रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भारत में टेक्सटाइल कचरे को संभालने का एक मॉडल बन सकता है। इससे न सिर्फ नवी मुंबई, बल्कि पूरे देश को प्रेरणा मिल सकती है।

आप भी बन सकते हैं हिस्सा

नवी मुंबई के लोगों से अपील की गई है कि वे इस पहल में शामिल हों। अगर आपके पास ऐसे कपड़े हैं जो अब काम के नहीं हैं, तो उन्हें फेंकने की बजाय इन खास बक्सों में डाल दें। आप चाहें तो नजदीकी 3R सेंटर में भी इन्हें जमा कर सकते हैं। यह छोटा सा कदम पर्यावरण को बचाने और किसी की जिंदगी को रोशन करने में मदद कर सकता है।

नगर आयुक्त कैलास शिंदे ने कहा कि यह प्रोजेक्ट कचरे को कम करने के साथ-साथ नए रोजगार पैदा कर रहा है। यह सुनकर गर्व होता है कि नवी मुंबई ने ऐसा कदम उठाया, जो देश के लिए एक नई राह दिखा सकता है।


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