Ovarian Cancer: आज की लाइफस्टाइल भले ही लोगों को पसंद आती हो, लेकिन सच तो ये है कि ये लाइफस्टाइल हमें कम्फर्ट से ज्यादा बीमारियां दे रहा है, और चिंता की बात है कि इस कम्फर्ट जोन का हमारी उम्र से कोई लेना देना नहीं है। कम उम्र के लोगों को भी जानलेवा बीमारियां अपने गिरफ्त में ले रही है। फिर चाहे बीपी हो, डायबिटीज हो, हार्ट की परशानी हो या फिर कैंसर ही क्यों ना हो। आज के हालात ऐसे हैं कि जिस ओवेरियन कैंसर के बारे में आप ये सोच रहे होंगे कि ये ज्यादा उम्र की महिलाओं में ही होता है, या फिर मेनोपॉज के बाद ही किसी महिला को होता है, तो आप गलत हैं, क्योंकि आज के समय में 30 से 40 साल की उम्र की महिलाएं भी ओवेरियन, यानी कि अंडाशय के कैंसर का शिकार हो रही हैं।
हेल्थ एक्पर्ट्स का कहना है कि अगर ओवेरियन कैंसर के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव हो जाता है। लेकिन चिंता की बात ये है कि दुनिया भर के 90 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो इसके लक्षणों को पहचान ही नहीं पाते हैं। तो आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि ओवेरियन कैंसर क्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं।
क्या है ओवेरियन कैंसर?
वैज्ञानिकों की भाषा में कहें तो ओवेरियन कैंसर एक साइलेंट किलर होता है, क्योंकि काफी तेजी से लेकिन खामौशी से बढ़ता है। इसके लक्षणों को पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है। इसके होने पर अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बनने लग जाते हैं। जानकारी हो कि किसी भी महिला में दो अंडाशय होते हैं, जिसमें से एक दांयी ओर और दूसरी बांयी ओर रहता है। अंडाशय को ही अंग्रेजी में ओवरी कहा जाता है। ये अंडाशय किसी भी महिला की प्रजनन प्रणाली का काफी महत्वपूर्ण अंग होता है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
अगर ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव हो सकता है। इसके शुरुआती लक्षणों की बात करें को लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द होता रहता है। भूख नहीं के बराबर लगती है। हमेशा ऐसा महसूस होता है कि पेट भरा हुआ है। पेल्विश एरिया में दर्द होने के साथ-साथ सूजन भी आ जाता है।
पीरियड्स के दौरान ये दर्द और ज्यादा होता है। पीड़ित को ब्लोटिंग की परेशानी होने लग जाती है। कमर में दर्द बना रहता है और उठने बैठने में भी परेशानी होने लग जाती है। वजन कम होने लग जाता है और हर पल थकान महसूस होता रहता है। इसके लक्षणों में बार-बार पेशाब लगना भी एक होता है।
क्या हैं ओवेरियन कैंसर के इलाज?
किसी भी महिला को अगर इस तरह के कोई भी लक्षण दिखे, तो उन्हें बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह लेकर ब्लड टेस्ट करवाएं। ब्लड टेस्ट के बाद अल्ट्रासाउंड भी आवश्यक होता है। दूसरे ऑप्शन में सीटी स्कैन और फिर नीडल बायोप्सी भी होता है। अगर डॉक्टर को ये महसूस होता है कि लक्षण गंभीर हैं तो वो बिना देरी के लेप्रोस्कोपी करवाने की सलाह देते हैं।
गौरतलब है कि ओवेरियन कैंसर का इलाज संभव है। इसके इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, सर्जरी और हार्मोन थेरेपी शामिल हैं। इलाज की प्रक्रिया मरीज की बीमारी के स्टेज पर डिपेंड करता है।
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