रतन टाटा (Ratan Tata) ने 86 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रतन टाटा के निधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी समेत उद्योग जगत की कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। हालांकि, आज भी टाटा मोटर्स कंपनी में काम जारी रखा गया है।
टाटा समूह की कंपनियों के कर्मचारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए काम जारी रखने का कारण बताया है। कर्मचारियों ने कहा कि स्वयं रतन टाटा (Ratan Tata) ने कहा था, “मेरे जाने के बाद भी कंपनी चलती रहनी चाहिए। देश और कर्मचारियों का नुकसान नहीं होना चाहिए।” इन भावनाओं को व्यक्त करते हुए कर्मचारियों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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इस मौके पर बोलते हुए एक कर्मचारी ने कहा, “यह हमारे लिए बेहद दुखद दिन है। हमने कभी इस दिन की कल्पना भी नहीं की थी। टाटा मोटर्स के कई प्लांट हैं, लेकिन पुणे का प्लांट एक अलग पहचान रखता था। जब भी रतन टाटा (Ratan Tata) यहां आते थे, वे अपनी इच्छाओं को खुलकर व्यक्त करते थे। वे यूनियन का बहुत सम्मान करते थे और अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा यहीं की थी। हम उनके द्वारा छोड़े गए विरासत को जारी रखना चाहते हैं। कोविड के समय में उन्होंने जो किया, उसे हम कभी भूल नहीं सकते।”
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