अगर आपके बैंक ने शेयर बाज़ार में पैसा लगा रखा है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है! RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने कुछ नियमों में बदलाव किया है जिससे बैंकों का रिस्क कम हो जाएगा।
शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव होता रहता है जिसकी वजह से बैंक कभी-कभी नुकसान उठा सकते हैं। RBI ने बैंकों को इस नुकसान से बचाने के लिए IPCs (Irrevocable Payment Commitments) से जुड़े नियमों में थोड़ी ढील दी है।
क्या हैं ये बदलाव?
RBI के मुताबिक, अब सिर्फ वो ही बैंक IPCs जारी कर सकेंगे जिनके ग्राहकों के साथ ऐसा एग्रीमेंट होगा कि बैंक को शेयर्स पर पूरा हक मिलेगा।
कुछ मामलों में ये ज़रूरी नहीं होगा, जैसे कि अगर पहले से ही ग्राहक के अकाउंट में पैसा हो।
बैंकों के रिस्क के आंकलन में भी थोड़ी राहत दी गई है।
इन बदलावों का क्या मतलब है?
इन बदलावों से बैंकों का रिस्क कम होगा। यानी आपका पैसा और भी सुरक्षित रहेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
RBI का ये कदम काफ़ी सकारात्मक है। इससे बैंकों के साथ-साथ निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा।
इन नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट देख सकते हैं।