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RBI का बैंकों और NBFCs पर बड़ा झटका, अब देना होगा इतना अतिरिक्त पैसा!

RBI का बैंकों और NBFCs पर बड़ा झटका, अब देना होगा इतना अतिरिक्त पैसा!

RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने बैंकों और NBFCs के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब इन संस्थानों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स) में निवेश के लिए अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी होगी। इस नए नियम का बैंकों और NBFCs के मुनाफे पर असर पड़ सकता है।

RBI पहले से ही बैंकों और NBFCs को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में एक निश्चित सीमा तक निवेश करने की अनुमति देता है। लेकिन, देश में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट निर्धारित समय पर पूरे नहीं होते, जिसके कारण बैंकों और NBFCs को कई बार नुकसान उठाना पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए RBI ने यह नया नियम लागू करने का फैसला लिया है।

RBI का नया नियम

अब बैंकों और NBFCs को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 5% अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी होगी। प्रोविजनिंग का मतलब है कि संभावित नुकसान की स्थिति के लिए पहले से ही एक निश्चित राशि अलग से जमा करके रखनी होगी।

नए नियम का असर

इस नए नियम से बैंकों और NBFCs की कमाई पर दबाव बढ़ सकता है। साथ ही, इन संस्थानों की इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की क्षमता भी थोड़ी कम हो सकती है। इसके अलावा, जिन बैंकों या NBFCs ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़ा निवेश किया है, उनके शेयरों के भाव पर भी असर पड़ सकता है।

RBI का यह कदम शायद थोड़े समय के लिए बैंकों और NBFCs के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन लंबे समय में यह फायदेमंद साबित होगा। इससे बैंक और NBFCs किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश करने से पहले उसकी अच्छे से जांच-परख कर सकेंगे, जिससे नुकसान की संभावना कम होगी।

यह नया नियम 1 जून 2024 से लागू होगा। RBI ने बैंकों और NBFCs को नए नियम के अनुसार खुद को ढालने के लिए 31 मार्च 2025 तक का समय दिया है।

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