पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में लोगों का एक अधिकार संगठन बढ़ रहा है, जहां नागरिक पाकिस्तान पुलिस और प्रशासन की क्रूरता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने बिजली बिलों पर “अन्यायपूर्ण” करों के खिलाफ और जल विद्युत उत्पादन की लागत के अनुसार बिजली प्रदान करने की मांग की है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हाल ही में विरोध प्रदर्शनों के दौरान भारत में विलय की मांग करते हुए पोस्टर सामने आए हैं। इस इलाके के नागरिकों ने पाकिस्तान की पुलिस और पाक प्रशासन की बर्बरता के खिलाफ बगावत कर दी है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालिया विरोध-प्रदर्शन और उसका हिंसक दमन इस बात का संकेत है कि इस इलाके में पाकिस्तान की पकड़ कमजोर हो रही है1।
विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी द्वारा की गई थी, जिसने बिजली बिलों पर लगाए गए ‘अन्यायपूर्ण’ करों का विरोध किया था। इसने अगस्त 2023 में भी टैक्स को लेकर हड़ताल किया था। उनकी मांग है कि लोगों को जल विद्युत की उत्पादन लागत के हिसाब से बिजली प्रदान की जानी चाहिए। हालांकि, यह विरोध प्रदर्शन अब PoK के कई जिलों में फैल गया है और लोग पाकिस्तान पुलिस की बर्बरता और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, पाकिस्तान पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया और इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी द्वारा की गई थी, जिसने पाकिस्तान सरकार द्वारा फरवरी में हुए समझौते का पालन नहीं किए जाने पर पूरे इलाके में ‘शटर डाउन और चक्का जाम’ का आह्वान किया था।
इन घटनाओं से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान PoK पर अपनी पकड़ खो रहा है और वहां के लोग भारत में विलय की मांग कर रहे हैं। इस तरह के विरोध प्रदर्शन और उनके हिंसक दमन से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान उस इलाके पर अपनी पकड़ खोता जा रहा है, जिस पर उसने दशकों से अवैध तरीकों से कब्जा कर रखा है।