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मैडम तुसाद के जादुई म्यूज़ियम में सांस लेने लगती है मोम! जानिए कैसे बनते हैं इतने सजीव पुतले

मैडम तुसाद के जादुई म्यूज़ियम में सांस लेने लगती है मोम! जानिए कैसे बनते हैं इतने सजीव पुतले

स्टार बनने के लिए अब सिर्फ टैलेंट ही नहीं, बल्कि मैडम तुसाद म्यूज़ियम में जगह भी चाहिए। लेकिन इन म्यूज़ियम्स में सिर्फ किसी का भी पुतला नहीं लगता। आखिर क्या खासियत है मैडम तुसाद की कला में? कैसे वो मोम को इतनी खूबसूरती से ढालती थीं कि वो सितारे जैसे लगने लगते थे? आइए, आपको लिए चलते हैं उस अनोखे म्यूज़ियम के गलियारों में…

मैडम तुसाद नाम का यह जादू शुरू हुआ था फ्रांस से। मोम को आकार देने में माहिर एक डॉक्टर की सहायिका मैरी ग्रोशोल्ट्ज के हुनर से। मैरी को बचपन से ही मोम की मूर्तियां बनाने का शौक था और उन्होंने यह कला उन्हीं डॉक्टर से सीखी। जब उन्होंने फ्रांकोइस तुसाद से शादी की तो उनका नाम मैडम तुसाद बन गया।

1835 में लंदन आकर मैडम तुसाद ने अपना पहला वैक्स म्यूज़ियम खोला और जल्द ही उनकी कला की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी। लेकिन आखिर मैडम तुसाद के पुतले इतने सजीव कैसे लगते हैं? दरअसल, इसके पीछे महीनों की मेहनत होती है।

स्टेप 1: चुनते हैं किसे बनाना है पुतला – दुनियाभर की शख्सियतें इन  म्यूज़ियम्स की शोभा बढ़ाती हैं। राजनेता हों या फिल्मी सितारे, खिलाड़ी हों या कोई वैज्ञानिक, पहले तय किया जाता है कि किसकी प्रतिकृति तैयार करनी है।

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स्टेप 2:  सजीव माप –  जिस भी शख्सियत का पुतला बनना होता है, पहले उसकी लंबाई-चौड़ाई का बेहद सटीक माप लिया जाता है। यही नहीं, उनके बाल, आंखें, त्वचा, हर चीज़ का रंग कैसा है, ये सब नोट किया जाता है। कई बार तो ये हस्तियां खुद आकर म्यूज़ियम के कलाकारों को पोज़ देती हैं।

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स्टेप 3:  बनती है पुतले की नींव – ये कलाकार पहले मिट्टी का पुतला बनाते हैं और फिर उस पर मोम चढ़ाया जाता है। इसमें भी कई परतें होती हैं।

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स्टेप 4:  असली सा चेहरा –  इंसानी बालों से पुतले के बाल तैयार किए जाते हैं। इंसानी आंखों के जैसी ही आंखें बनाकर पुतले में लगाई जाती हैं, ताकि बिल्कुल असली जैसा अहसास हो।

स्टेप 5:  पहनते हैं असली जैसे कपड़े – कई बार तो जिस हस्ती का पुतला बनाया जाता है, वह ख़ुद अपने असली कपड़े म्यूज़ियम को दान कर देता है।

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मैडम तुसाद म्यूज़ियम की लोकप्रियता इस बात से साबित होती है कि दुनियाभर के कई बड़े शहरों में ये म्यूज़ियम  हैं। भारत में भी दिल्ली के कनॉट प्लेस में मैडम तुसाद म्यूज़ियम है, जहां अमिताभ से लेकर सचिन तेंदुलकर तक, कई दिग्गज़ों की मोम से बनी मूर्तियां लोगों को आकर्षित करती हैं।

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कई बार इन पुतलों की इतनी अच्छी तरह देखभाल की जाती है कि फ़ैन्स को भी धोखा हो जाता है! कई लोग दूर से पुतले को देखकर असली इंसान समझ लेते हैं और हैरान हो जाते हैं कि उनका पसंदीदा सितारा बिना किसी सुरक्षा के कैसे खड़ा है!

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