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IIT बॉम्बे में माली की दुखद मौत, 39 साल की नौकरी के बाद भी नहीं मिला हक

IIT बॉम्बे
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IIT बॉम्बे के एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली है। अंबेडकर-पेरियार-फुले स्टडी सर्कल (APPSC) के मुताबिक, रमन गरासे नाम के इस व्यक्ति ने 39 साल तक संस्थान में माली का काम किया था और अपनी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी के पैसे को लेकर IIT से कानूनी लड़ाई चल रही थी।

APPSC के मुताबिक, गरासे और उनके तीन साथियों ने रिटायरमेंट के बाद 31 दिसंबर को IIT बॉम्बे को पत्र लिखकर ग्रेच्युटी की रकम मांगी थी। लेकिन जब संस्थान ने कोई जवाब नहीं दिया, तो वे लेबर कोर्ट पहुंचे।

कोर्ट ने दिया था गरासे के हक में फैसला

कोर्ट ने गरासे के हक में फैसला सुनाया और IIT को ग्रेच्युटी की रकम देने का आदेश दिया, वो भी देरी के लिए 10% ब्याज के साथ। लेकिन APPSC का कहना है कि संस्थान इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी में था क्योंकि ये कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते थे। 1 मई को गरासे को इस बात का पता चला।

हार कर बैठ गए गरासे

APPSC ने अपने बयान में कहा है, “उन्हें पता था कि हाई कोर्ट में अपील का मतलब है कम से कम 3-4 साल की और कानूनी लड़ाई।” गौरतलब है कि 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी था।

ऐसी घटनाएं सरकारी संस्थाओं में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की लाचारी को दिखाती हैं। अक्सर लंबी नौकरी के बाद भी उन्हें वो हक नहीं मिल पाते जिनके वो हकदार होते हैं। APPSC ने IIT बॉम्बे पर गरासे को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप भी लगाया है।

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