महाराष्ट्रमुंबई

Nagpur Riots Bail for 9 Accused: बॉम्बे हाई कोर्ट ने औरंगजेब कब्र विवाद के 9 आरोपियों को दी जमानत, ट्रायल पर नजर

Nagpur Riots Bail for 9 Accused: बॉम्बे हाई कोर्ट ने औरंगजेब कब्र विवाद के 9 आरोपियों को दी जमानत, ट्रायल पर नजर

Nagpur Riots Bail for 9 Accused: नागपुर में 17 मार्च को हुए दंगों ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था। यह घटना तब शुरू हुई जब छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। इस हिंसा में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। यह फैसला बुधवार को नागपुर बेंच की जज उर्मिला जोशी-फाल्के ने सुनाया। इस घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि सामाजिक तनाव और ऐतिहासिक संवेदनशीलता को भी उजागर किया।

दंगे की शुरुआत तब हुई जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रदर्शन के दौरान यह अफवाह फैली कि पवित्र शिलालेखों वाली एक चादर जलाए जाने की घटना हुई। इस अफवाह ने आग में घी का काम किया और देखते ही देखते 500 से 600 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हिंसक घटना (Nagpur Riots) में पथराव, आगजनी और पेट्रोल बम का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें तीन डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस भी शामिल थे। सरकारी और निजी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा। इस हिंसा में 120 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 19 नाबालिग भी थे।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने नौ आरोपियों—मोहम्मद इकबाल अंसारी, अब्सार अंसारी, इजहार अंसारी, एजाज अंसारी, अशफाकुल्ला अमीनुल्लाह, मुजम्मिल अंसारी, मोहम्मद रहिल, मोहम्मद यासिर और इफ्तेकार अंसारी—को जमानत देते हुए कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और आरोप-पत्र दाखिल हो चुका है। कोर्ट ने यह भी माना कि आरोपियों को अब हिरासत में रखने का कोई उद्देश्य नहीं है। प्रत्येक आरोपी को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और एक सॉल्वेंट स्योरिटी के साथ जमानत दी गई। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रायल में समय लगेगा, इसलिए आरोपियों को जेल में रखना उचित नहीं है।

पुलिस ने कुछ आरोपियों को घटनास्थल से ही गिरफ्तार किया था, जबकि बाकियों की पहचान CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन डेटा और गवाहों के बयानों के आधार पर की गई। कोर्ट ने अपने आदेश में एक व्हाट्सएप ग्रुप “सुन्नी यूथ फोर्स” का जिक्र किया, जिसके जरिए भीड़ को उकसाने का काम किया गया था। इस ग्रुप ने हिंसा को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह जानकारी इस बात को रेखांकित करती है कि आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग कैसे सामाजिक अशांति को बढ़ावा दे सकता है।

हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत के चरण में मामले की गहराई से जांच या पक्षपातपूर्ण टिप्पणी से बचना चाहिए। जज ने साफ किया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए भी, जमानत के समय केवल तथ्यों पर ध्यान देना जरूरी है। कोर्ट ने आरोपियों को सख्त शर्तों के साथ जमानत दी। उन्हें हर महीने दो बार पुलिस स्टेशन में हाजिरी देनी होगी और ट्रायल की सभी सुनवाइयों में शामिल होना होगा। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में कोई भी समान अपराध दर्ज होता है, तो जमानत रद्द कर दी जाएगी। इसके अलावा, आरोपियों को गवाहों को धमकाने या सबूतों से छेड़छाड़ करने से भी मना किया गया है।

#NagpurRiots #BombayHighCourt #AurangzebTomb #MaharashtraNews #CourtVerdict

ये भी पढ़ें: अहिल्यानगर में दिल दहलाने वाली घटना: आठवीं के छात्र ने की दसवीं के छात्र की हत्या

You may also like