Hindi Policy Withdrawn: महाराष्ट्र में हिंदी थोपने (Hindi imposition) के खिलाफ उठी आवाज ने एक बार फिर मराठी एकता (Marathi unity) की ताकत को साबित कर दिया। राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य करने वाले दो सरकारी आदेशों को वापस ले लिया है। इस फैसले को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेता राज ठाकरे ने मराठी लोगों की एकजुटता की जीत बताया। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब अप्रैल और जून 2025 में सरकार ने दो सरकारी आदेश जारी किए, जिनमें कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने की बात कही गई थी।
इस नीति के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में तीखा विरोध शुरू हुआ। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह मराठी एकता (Marathi unity) की जीत है, जिसने सरकार को अपने कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर मराठी भाषी लोगों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उद्धव ने बताया कि बीजेपी ने इस मुद्दे को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश की, लेकिन मराठी समाज की एकता ने उनकी रणनीति को नाकाम कर दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्ययन के लिए डॉ. रघुनाथ माशेलकर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, लेकिन उसकी सिफारिशें लागू नहीं हो सकीं क्योंकि उनकी सरकार गिर गई थी।
इस बीच, सरकार ने इन आदेशों को वापस लेने के बाद एक नई समिति गठित करने की घोषणा की है। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व योजना आयोग सदस्य डॉ. नरेंद्र जाधव करेंगे। यह समिति माशेलकर समिति की सिफारिशों की समीक्षा करेगी और त्रिभाषा नीति (three-language policy) को लागू करने के बारे में निर्णय लेगी। उद्धव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर यह नीति उनकी सरकार ने बनाई थी, तो महायुति सरकार ने तीन साल तक इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे रखी। उन्होंने बीजेपी को झूठी अफवाहों का कारखाना करार दिया।
राज ठाकरे ने भी इस फैसले का स्वागत किया और इसे हिंदी थोपने (Hindi imposition) के खिलाफ मराठी लोगों की जीत बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि यह फैसला सरकार की समझदारी का नतीजा नहीं, बल्कि मराठी जनता के दबाव का परिणाम है। राज ने कहा कि उनकी पार्टी ने अप्रैल 2025 में ही इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इसे व्यापक समर्थन मिला। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की नीतियों को फिर से ल Biodexed on 2025-07-03 लाने की कोशिश नहीं की जाएगी। राज ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने समिति के बहाने इस नीति को फिर से लागू करने की कोशिश की, तो वह समिति महाराष्ट्र में काम नहीं करने देगी।
इस नीति के खिलाफ 5 जुलाई को प्रस्तावित विरोध मार्च को रद्द कर दिया गया है। उद्धव ठाकरे ने घोषणा की कि अब इस दिन विरोध के बजाय मराठी एकता का उत्सव मनाया जाएगा। इस उत्सव के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए अन्य दलों और मराठी समर्थक संगठनों के साथ चर्चा चल रही है। उद्धव और राज दोनों ने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन मराठी समुदाय के लिए एक सबक है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी भाषा और पहचान से समझौता करने को तैयार हैं, लेकिन इस बार मराठी समाज की एकजुटता ने साबित कर दिया कि ऐसी कोशिशें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।