भारत से बाहर घूमने-फिरने या दूसरी ज़रूरतों के लिए सालाना एक तय रकम तक विदेशी मुद्रा भेजने की सुविधा को LRS यानी लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम कहते हैं। अब एक बड़ा बदलाव होने वाला है – LRS के तहत आप विदेश में क्रेडिट कार्ड से भी खर्च कर सकेंगे! बैंकों ने तो कमर कस ली है, बस सरकार की आखिरी ‘हां’ मिलते ही ये सुविधा शुरू हो जाएगी।
पिछले साल सरकार ने LRS के तहत विदेशी मुद्रा में क्रेडिट कार्ड के ज़रिए होने वाले खर्च को शामिल करने की घोषणा की थी। इसपर 20% तक स्रोत पर कर यानी TCS भी लगेगा। इस योजना के पीछे विचार था कि विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों पर नज़र रखी जा सके। कार्ड का इस्तेमाल हुआ तो खर्च का हिसाब-किताब रखना आसान होगा, है ना?
बैंकों से बातचीत करने पर पता चला है कि तकनीकी तौर पर वो इस बदलाव को अपनाने के लिए काफी हद तक तैयार हैं। उन्हें उपभोक्ता डेटा का प्रबंधन करना होगा, ताकि पता चल सके कि किस मद में किसका कितना पैसा खर्च हुआ है, जिससे सही दर पर कर लगाया जा सके।
लेकिन, इस योजना में पेच भी हैं! मान लीजिए किसी ने विदेश में इलाज के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया, जिसपर कम TCS लगता है। मगर उसने इलाज के अलावा खूब शॉपिंग भी की हो तो? या किसी ने अपने निजी क्रेडिट कार्ड से व्यापारिक यात्रा का खर्च कर दिया हो तो? बैंक इन बातों का पता कैसे लगाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
सरकार इस योजना के ज़रिए विदेशों में बहने वाली विदेशी मुद्रा को रोकना चाहती है। LRS के तहत पिछले कुछ वर्षों में होने वाला रेमिटेंस तेज़ी से बढ़ा है। सूत्रों का कहना है कि सरकार की मंज़ूरी मिलते ही ये योजना लागू हो जाएगी।