हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोरों पर हैं। गठबंधन के लिए सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत में अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन चर्चा है कि कांग्रेस हरियाणा में AAP को 5 सीटें दे सकती है। दोनों पार्टियों के नेताओं की इस मुद्दे पर कई बार बैठकें हो चुकी हैं। इस बीच, कुछ आप नेताओं ने गठबंधन पर सवाल उठाए हैं, तो वहीं कांग्रेस भी गठबंधन को लेकर सकारात्मक संकेत दे रही है।
1. हरियाणा में AAP और कांग्रेस का गठबंधन
हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर लंबे समय से चर्चाएं चल रही हैं। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस मुद्दे पर कई दौर की बातचीत की है। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनना बाकी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, 5 सीटों पर बातचीत लगभग तय मानी जा रही है। AAP पहले 10 सीटें मांग रही थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर 5 तक आ गई है।
राघव चड्ढा ने गठबंधन पर शायराना अंदाज़ में कहा, “आरजू भी है, हसरत भी है और उम्मीद भी है,” जिससे स्पष्ट होता है कि आप और कांग्रेस के बीच एक राजनीतिक साझेदारी की संभावनाएं बनी हुई हैं। नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है, इसलिए दोनों पार्टियां जल्द ही कोई फैसला ले सकती हैं।
2. गठबंधन के प्रमुख मुद्दे
गठबंधन में सबसे बड़ा मुद्दा सीट शेयरिंग का है। AAP हरियाणा में कुछ खास सीटों पर अपनी दावेदारी जता रही है, जिनमें से कलायत विधानसभा क्षेत्र पर खास तौर से चर्चा हो रही है। आप नेताओं का कहना है कि इस सीट पर समझौता नहीं हो सकता। AAP कुरुक्षेत्र की एक सीट भी मांग रही है, लेकिन कांग्रेस अब तक इस पर सहमत नहीं हो पाई है।
इसके अलावा, अगर गठबंधन नहीं होता है, तो AAP ने Plan-B भी तैयार कर रखा है। आप अपने उम्मीदवारों के अलावा कांग्रेस और भाजपा के बागी नेताओं को भी अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।
3. AAP में उठे विरोध के स्वर
AAP के अंदर गठबंधन को लेकर कुछ असहमति के स्वर भी उठ चुके हैं। पार्टी नेता सोमनाथ भारती ने खुलकर इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में AAP के उम्मीदवारों को कांग्रेस का अपेक्षित समर्थन नहीं मिला था।
भारती ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के लिए रोड शो किए, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने AAP को समर्थन नहीं दिया। यहां तक कि चुनाव प्रचार के दौरान कुछ कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो गए। इस घटना को देखते हुए, भारती का मानना है कि AAP को हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से पहले ठोस मूल्यांकन करना चाहिए।
4. कांग्रेस का सकारात्मक रुख
दूसरी तरफ, कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया का कहना है कि गठबंधन को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि यह कुछ दिनों की बात है, और जल्द ही गठबंधन पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने संकेत दिया कि पहले से घोषित उम्मीदवारों की सूची में भी बदलाव हो सकता है।
बाबरिया ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस और AAP के लिए यह गठबंधन तब ही होगा जब यह दोनों के लिए जीत की स्थिति बनेगा। इस बीच, कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इस गठबंधन के पक्ष में बयान दिए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि पार्टी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है।
5. हरियाणा चुनाव पर असर
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस और AAP का गठबंधन होता है, तो इसका सीधा असर भाजपा और अन्य पार्टियों पर पड़ेगा। कांग्रेस और AAP का वोट बैंक मिलकर भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि, अगर गठबंधन नहीं होता है, तो दोनों पार्टियों को अलग-अलग चुनाव लड़ना पड़ेगा, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
चुनाव आयोग ने हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान कराने की घोषणा की है, जिसके नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। ऐसे में दोनों पार्टियों के पास अब बहुत कम समय बचा है, और जल्द ही एक अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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