महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी के बयान के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने औरंगजेब को महान बताने के बाद माफी तो मांग ली थी, लेकिन इसके बाद औरंगजेब की कब्र हटाने का मुद्दा गर्मा गया और नागपुर में हिंसा भी भड़क उठी। अब अबू आजमी ने एक और बयान देकर इस विवाद को नया मोड़ दे दिया है।
अबू आजमी का बयान: कब्र खोदने से तरक्की नहीं होगी
अबू आजमी ने कहा, “क्या मरे हुए आदमी की कब्र खोदकर इस देश में तरक्की होगी? मरे हुए आदमी की कब्र क्यों खोदना चाहते हैं?” उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज या संभाजी महाराज का अपमान नहीं किया, फिर भी उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने दिशा केस पर भी अपनी राय दी और कहा कि वे निष्पक्ष जांच के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि संविधान के तहत जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वो आम नागरिक हो या सत्ता में बैठा व्यक्ति।
औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा के इंतजाम
इधर, छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने मकबरे की दो तरफ टिन की चादरें लगवाई हैं। जिला कलेक्टर दिलीप स्वामी और पुलिस अधीक्षक विनय कुमार ने हाल ही में एएसआई अधिकारियों के साथ खुल्दाबाद स्थित मकबरे का दौरा किया था, जिसके बाद ये फैसला लिया गया।
कब्र के चारों ओर बाड़बंदी
एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात को मकबरे की दो तरफ टिन की चादरें लगाई गईं, जबकि अन्य दो तरफ बाड़बंदी की गई है। मकबरे के चारों ओर बाड़ लगाने की योजना बनाई गई है, क्योंकि वहां पहले से लगी हरे रंग की जाली जर्जर हो चुकी थी। इसके पास ही ख्वाजा सैयद जैनुद्दीन चिश्ती की मजार भी है, जहां जाने वाले रास्ते से मकबरा स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसीलिए टिन की चादरें लगाकर इसे आंशिक रूप से ढका गया है।
कब्र हटाने की मांग और विरोध प्रदर्शन
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने हाल ही में विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान फैली अफवाहों के कारण नागपुर में हिंसा भड़क उठी। ये मुद्दा खासतौर पर उस वक्त चर्चा में आया, जब छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर बनी फिल्म छावा रिलीज हुई।
ये विवाद अभी शांत होता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक तरफ कुछ संगठनों की मांग है कि औरंगजेब की कब्र हटाई जाए, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के इंतजाम कर दिए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और सरकार की क्या प्रतिक्रिया होती है।
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