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फिर चली राहुल गांधी के भाषण पर कैंची, हटाए गए ये विवादित शब्द

राहुल गांधी
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आए दिन अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियां बटोरने वाले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी फिर से सुर्खियों में है। अब एक बार फिर से लोकसभा में दिए गए उनके भाषण के कुछ शब्दों को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। दरअसल 29 जुलाई को संसद में दिए गए अपने 45 मिनट के भाषण के दौरान राहुल गांधी ने अंबानी, अडानी, अजित डोभाल और मोहन भागवत का नाम एक बार नहीं, बल्कि कई बार लिया था, जिसपर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ती भी जताई थी। उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि, जो शख्स सदन के सदस्य नहीं हैं, उनके नाम न लिए जाए। जिसपर राहुल गांधी ने कहा कि, अगर वो नहीं चाहते हैं कि अडानी, अंबानी का नाम लें, तो वो नहीं लेंगे।

गौरतलब है कि राहुल गांधी के 45 मिनट के भाषण के दौरान काफी हंगामा हुआ, फिर सत्ता पक्ष के सांसदों ने लोकसभा स्पीकर के पास राहुल गांधी की शिकायत दर्ज करवाई,  बताया जा रहा है कि, उसी के बाद राहुल गांधी के इन विवादित बयानों को उनके भाषण से हटा दिया गया है।

यही नहीं, अपने भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मोदी सरकार को लेकर ये भी कहा कि, मोदी सरकार ने जनता को चक्रव्यूह में फंसा दिया है, जिसमें देश के युवा और किसान सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। इस दौरान महाभारत का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, “हजारों सालों पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 6 लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यू में मारा था। चक्रव्यु के अंदर डर होता है, हिंसा होती है और 6 लोगों ने मिलकर अभिमन्यु को चक्रव्यु में फंसाकर मारा था।”

अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आगे कहा कि, “चक्रव्यु के बारे में मैनें रिसर्च की तो पता चला कि उसका एक और नाम होता है पद्म व्यूह। ये लोटस के शक्ल में होता है। अब 21 वीं सदी में एक नया चक्रव्यू तैयार हुआ है, वो भी लोटस की चिन्ह में है और उसका चिन्ह पीएम अपनी छाती में लगाकर चलते हैं। जो अभिन्यु के साथ चक्रव्यु में हुए, वही माता-बहनों के साथ, किसानों के साथ हो रहा है।”

इतना ही नहीं, अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि, “कर्ण, द्रोणाचार्य, कृतवर्मा, कृपाचार्य, शकुनी और अश्वत्थामा ने अभिमन्यु को घेरकर मारा था। आज भी चक्रव्यु में 6 लोग हैं। सेंटर में 6 लोग कंट्रोल करते हैं। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अंबानी और अडाणी।”

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी राहुल गांधी के विवादित बयान पर कैंची चल चुकी है। इससे पहले संसद में अपने पहले भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कॉफी और भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर अपनी बात रखी थी, जिसके बाद उनके भाषण के एक बड़े हिस्से को संसदीय रिकॉर्ड से हटा दिया गया था।

किस नियम के तहत हटाए जाते हैं शब्द?
ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि आखिर किस नियम के तहत किसी के भाषण में से शब्द को हटाए जाते हैं। तो बता दें कि लोकसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमों के नियम 380 (निष्कासन) में इस बात का जिक्र किया गया है कि, अगर लोकसभा अध्यक्ष के अनुसार किसी के भाषण में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है, जो अशिष्ट, अपमानजनक. अशोभनीय या असंसदीय है, तो लोकसभा अध्यक्ष ये आदेश दे सकते हैं कि भाषण के रिकॉर्ड में से उन शब्दों को हटा दिया जाए। कह सकते हैं कि किसी भी सांसद को इस बात की आजादी नहीं है कि वो अपने भाषण में ऐसे शब्दों का प्रयोग करे, जो संसद की गरिमा को भंग करता हो।

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