विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दशक में विश्व व्यवस्था में बड़े परिवर्तन होंगे। उनके अनुसार, अमेरिका का वैश्विक दबदबा कम हो रहा है और 2030 तक दुनिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय दुनिया में संघर्ष, तनाव और विभाजन की स्थिति है, और यूक्रेन युद्ध, गाजा संघर्ष, लाल सागर में हमले, दक्षिण चीन सागर में तनाव जैसे घटनाक्रम इस उथल-पुथल के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
डॉ. जयशंकर ने अपने 50 साल के अनुभव के आधार पर यह भी बताया कि वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव आ रहा है। उन्होंने विश्व अर्थव्यवस्था में बदलाव, नई टेक्नोलॉजीज के प्रभाव और वैश्वीकरण के त्रुटिपूर्ण मॉडल के सामाजिक परिणामों पर भी प्रकाश डाला।
उनका मानना है कि आज के हालात में भारतीय मतदाताओं को यह सोचना है कि कौन देश को अच्छे से संभाल सकता है और भारत की सत्ता किसे सौंपनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका आज भी एक महाशक्ति है, लेकिन उसके पीछे खड़ी शक्तियां अब उसके ज्यादा करीब पहुंच गई हैं।
इस तरह के विचार वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में आने वाले समय में भारत की भूमिका और उसके नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करते हैं। डॉ. जयशंकर की यह भविष्यवाणी भारत सहित विश्व के अन्य देशों के लिए एक नई दिशा और नई रणनीतियों की ओर संकेत करती है।