अब ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के अच्छे दिन आने वाले हैं! ओला और उबर जैसी बड़ी कैब कंपनियों ने एक नया प्लान शुरू किया है, जिससे ऑटो ड्राइवर्स को हर राइड का पूरा पैसा मिलेगा। इस प्लान को सब्सक्रिप्शन मॉडल कहा जा रहा है, और इससे ऑटो ड्राइवर्स की जेबें भारी होंगी क्योंकि उनको अब कंपनियों को कोई कमीशन नहीं देना होगा।
आमतौर पर ओला और उबर जैसी ऐप पर बुक किए गए ऑटो की राइड के बाद, ड्राइवर को किराए का एक हिस्सा कंपनी को देना पड़ता है, जिसे कमीशन कहते हैं। लेकिन अब कई कंपनियां इस मॉडल को बदल रही हैं। ऐप पर ऑटो राइड देने का चलन काफी तेज़ी से बढ़ा है, और इसलिए कंपनियां अलग-अलग तरीके अपनाकर ड्राइवर्स को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती हैं।
क्या है नया प्लान? इस सब्सक्रिप्शन बेस्ड प्लान में, ड्राइवर्स को हर दिन या फिर हर हफ्ते एक निश्चित रकम कंपनी को देनी होगी। यह रकम कमीशन से काफी कम होती है। इसके बदले में, ड्राइवर को ग्राहकों से मिलने वाला पूरा किराया अपनी जेब में रखने का हक मिल जाएगा। नम्मा यात्री और रैपिडो जैसी कंपनियां पहले से ही इस तरह का प्लान चला रही हैं।
कहां मिलेगी ये सुविधा? ओला ने फिलहाल दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में यह सेवा शुरू की है। वहीं, उबर ने चेन्नई, कोच्चि और विशाखापट्टनम सहित 6 शहरों के लिए इस नए प्लान की घोषणा की है।
क्या हैं फायदे और नुकसान? इस प्लान से ऑटो ड्राइवर्स की कमाई निश्चित रूप से बढ़ेगी, जो उनके लिए बहुत बड़ी बात है। लेकिन, कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे, ऐप पर राइड के दाम तय नहीं होने से, ड्राइवर अपनी मर्ज़ी से ज़्यादा किराया मांग सकते हैं। साथ ही, ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा भी शायद सब्सक्रिप्शन मॉडल में नहीं होगी।
ओला और उबर का यह कदम ऑटो ड्राइवर्स के लिए तो फायदेमंद है, पर ग्राहकों के लिए कुछ मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जहां मनमाने दाम एक समस्या हो सकती है, वहीं ऑनलाइन पेमेंट का न होना भी कई लोगों को असुविधाजनक लग सकता है। इस नए मॉडल का क्या असर होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
ओला और उबर को इस मॉडल से टैक्स में भी कुछ फायदा हो सकता है। नम्मा यात्री कर्नाटक सरकार का उपक्रम है, यानी सरकारी कंपनी है। रैपिडो बाइक टैक्सी देने के लिए प्रसिद्ध कंपनी है।