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Chhattisgarh Naxal Explosion: नक्सली हमले का सच, कैसे छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने रची खूनी साजिश

Chhattisgarh Naxal Explosion: नक्सली हमले का सच, कैसे छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने रची खूनी साजिश

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुआ नक्सली हमला “नक्सली हमला” (Naxal Attack) की विभीषिका को एक बार फिर सामने लाता है। यह घटना केवल एक हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि नक्सलियों द्वारा अपनाई गई नई रणनीतियों और सुरक्षाबलों की कमजोरियों की पोल खोलती है। इस हमले में “छत्तीसगढ़ नक्सली विस्फोट” (Chhattisgarh Naxal Explosion) के कारण 8 जवान और एक वाहन चालक शहीद हो गए।

Chhattisgarh Naxal Explosion: बीजापुर हमले की पृष्ठभूमि

यह हमला तब हुआ जब जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और STF के जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन को पूरा कर अपने बेस कैंप लौट रहे थे। सुरक्षाबलों का यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जिलों में चल रहा था। सोमवार को अंबेली गांव के पास, नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के काफिले को निशाना बनाकर IED (Improvised Explosive Device) विस्फोट किया।

“फॉक्सहोल तकनीक” का उपयोग

सूत्रों के अनुसार, इस विस्फोट को अंजाम देने के लिए नक्सलियों ने “फॉक्सहोल तकनीक” का इस्तेमाल किया। यह तकनीक विस्फोटक को सड़क के गड्ढों में छिपाकर, ऊपर से पत्तों और पत्थरों से ढकने की प्रक्रिया है। जब वाहन इन गड्ढों के ऊपर से गुजरते हैं, तो विस्फोट होता है।

विस्फोट की भयावहता

विस्फोट इतना भीषण था कि सड़क पर 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया। वाहन के टुकड़े 20 फीट ऊंचे पेड़ पर जाकर अटक गए। जवानों के चीथड़े तक उड़ गए, और मौके पर ही 9 लोगों की जान चली गई।

इंटेलिजेंस और SOP में चूक

यह हमला न केवल नक्सलियों की रणनीति की सफलता को दिखाता है, बल्कि सुरक्षाबलों की कमजोरियों को भी उजागर करता है।

  • इंटेलिजेंस फेल्योर: इस घटना के लिए खुफिया जानकारी की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
  • SOP की अनदेखी: मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत सुरक्षाबलों को बुलेटप्रूफ वाहनों का उपयोग करना चाहिए था, लेकिन यह गाड़ी बुलेटप्रूफ नहीं थी।

नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प

गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद ट्वीट किया कि, “हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। मार्च 2026 तक नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा।” छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी कहा कि इस हमले ने नक्सलियों की हताशा को उजागर कर दिया है।

“नक्सली हमला” (Naxal Attack) और “छत्तीसगढ़ नक्सली विस्फोट” (Chhattisgarh Naxal Explosion) जैसी घटनाएं देश की सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश हैं। सरकार और सुरक्षाबलों के लिए यह समय आत्ममंथन का है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। साथ ही, नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य अधिक सख्ती और रणनीति के साथ पूरा किया जाना चाहिए।


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