Cloud burst in Himachal: हाल ही में हिमाचल प्रदेश में भयंकर बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है। असम और केरल के बाद अब हिमाचल प्रदेश को भी इस प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के विभिन्न इलाकों में बादल फटने के कारण कई मकान, स्कूल और अस्पताल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
कुल्लू और मंडी में बादल फटने की घटनाएं
कुल्लू के निरमंड ब्लॉक, मलाणा, और मंडी जिले में बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इन इलाकों में बाढ़ और मलबे के कारण कई इमारतें ढह गई हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मंडी में एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है, जबकि लगभग 35 लोगों को बचा लिया गया है। हालांकि, करीब 40 लोग अब भी लापता हैं, और उन्हें ढूंढने के लिए राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं।
स्कूल और संस्थान बंद, सरकार की प्रतिक्रिया
मंडी में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम तेजी से चल रहा है। इसी बीच, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
जेपी नड्डा और जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया
जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में आई इस प्राकृतिक आपदा के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत कर राज्य के हालात की जानकारी ली। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से भी संपर्क किया और बीजेपी कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में शामिल होने के निर्देश दिए।
विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस स्थिति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मंडी जिले के थलटूखोड़ के पास राजमण गांव में भारी बारिश के कारण जानमाल की हानि हुई है। निरमंड के अंतर्गत समेज और बागीपुल क्षेत्रों में कई भवन बह गए हैं और कई लोग लापता हो गए हैं। इस दुख की घड़ी में मैं प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा हूं।”
हिमाचल प्रदेश में हो रही इस आपदा ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने हमारी तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है। सरकार, प्रशासन, और स्थानीय लोगों के प्रयासों से इस संकट से उबरने की कोशिश की जा रही है। ये समय है जब हम सब मिलकर इन कठिनाइयों का सामना करें और प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करें।
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