भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए लाखों वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया है कि ड्राइविंग लाइसेंस नियम (Driving License Rules) के अंतर्गत एलएमवी लाइसेंस धारक अब 7,500 किलोग्राम तक के व्यावसायिक वाहन चला सकते हैं।
नए लाइसेंसिंग नियम और उनका प्रभाव
ड्राइविंग लाइसेंस नियम (Driving License Rules) में यह परिवर्तन देश भर के वाहन चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नया नियम विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपनी आजीविका के लिए वाहन चलाते हैं। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया है। इस निर्णय से न केवल कार बल्कि छोटा हाथी जैसे हल्के व्यावसायिक वाहनों को चलाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
कानूनी प्रावधान और सुरक्षा मानक
जस्टिस ऋषिकेश रॉय द्वारा लिखित निर्णय में कहा गया है कि एलएमवी से व्यावसायिक वाहन चलाने का अधिकार (Right to Drive Commercial Vehicles with LMV) सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का कारण नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एलएमवी लाइसेंस धारकों को सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराने के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। यह निर्णय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के विभिन्न प्रावधानों का गहन विश्लेषण करने के बाद लिया गया है। न्यायालय ने विशेष रूप से उन चालकों की चिंताओं पर ध्यान दिया है जो अधिकांश समय सड़कों पर बिताते हैं।
बीमा क्षेत्र पर प्रभाव और नई व्यवस्था
यह फैसला बीमा कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है। पूर्व में कई बीमा कंपनियां एलएमवी लाइसेंस धारकों द्वारा चलाए जाने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए बीमा भुगतान से मना कर देती थीं। लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रथा अवैध है। इस निर्णय से बीमा कंपनियों को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा और एलएमवी लाइसेंस धारकों के प्रति भेदभाव समाप्त करना होगा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति
यह मामला मार्च 2022 में तब सामने आया जब बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस बनाम रंभा देवी केस में कई बीमा कंपनियों ने 2017 के मुकुंद देवांगन फैसले को चुनौती दी। मुकुंद देवांगन केस में कुछ महत्वपूर्ण कानूनी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया था। वर्तमान फैसले में न्यायालय ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 10(2)(डी) और 10(2)(ई) का विस्तृत विश्लेषण किया है। इस निर्णय से पहले सात दिनों तक विस्तृत सुनवाई हुई, जिसमें सुरक्षा मानकों और आजीविका के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
व्यावहारिक प्रभाव और भविष्य की दिशा
इस फैसले का सबसे बड़ा लाभ उन लाखों चालकों को मिलेगा जो रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे व्यावसायिक वाहन चलाते हैं। इससे उनकी आजीविका सुरक्षित होगी और वे कानूनी रूप से अधिक वजन वाले वाहन चला सकेंगे। हालांकि, यह छूट केवल 7,500 किलोग्राम तक के वाहनों के लिए है। इससे अधिक वजन वाले वाहनों के लिए अभी भी विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होगी। यह निर्णय न केवल चालकों के लिए वरदान साबित हुआ है, बल्कि इससे परिवहन उद्योग में भी नए अवसर खुलेंगे।
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