भारतीय शेयर बाजार में हाल के दिनों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। यह अस्थिरता मुख्य रूप से आगामी लोकसभा चुनावों के परिणामों को लेकर निवेशकों की आशंकाओं के कारण है। ऐसे में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयानों ने निवेशकों को कुछ राहत प्रदान की है और बाजार स्थिरता लाने में मदद की है।
अमित शाह ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि बाजार की गिरावट का चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। उनका मानना है कि यह गिरावट वास्तव में निवेश का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि चुनाव परिणामों के बाद बाजार में तेजी आएगी और निवेशकों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
इसी तरह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी एनएसई समारोह में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव परिणाम नजदीक आएंगे, बाजार की अस्थिरता कम होती जाएगी और निवेशकों का भारत में निवेश करने का विश्वास बढ़ेगा।
इन दोनों मंत्रियों के बयानों के बाद बीएसई सेंसेक्स में मजबूती देखी गई। दिन के कारोबार में 1,000 अंकों की उतार-चढ़ाव के बावजूद, सूचकांक मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। बैंकिंग और आईटी क्षेत्र के शेयरों में तेजी से सूचकांक को काफी सहारा मिला।
इन बयानों से निवेशकों को यह संकेत मिला है कि चुनाव परिणामों के बाद बाजार में स्थिरता आएगी और उन्हें अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। सरकार के दो प्रमुख मंत्रियों द्वारा आश्वासन देने से निवेशकों के मनोबल को बल मिला है और बाजार में एक सकारात्मक संदेश गया है।
हालांकि, निवेशकों को सावधान रहना चाहिए और अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करना चाहिए। चुनाव परिणाम आने के बाद भी बाजार में कुछ अस्थिरता बनी रह सकती है। लेकिन लंबी अवधि में, भारत की मजबूत आर्थिक नींव और उभरती अर्थव्यवस्था के आधार पर निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।