हाल ही में केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में इजाफा कर दिया है। ये खबर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो रोजाना पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल करते हैं। आइए इस ब्लॉग में समझते हैं कि सरकार ने ये कदम क्यों उठाया, इसका तेल कंपनियों और आम आदमी पर क्या असर होगा, और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव की संभावना क्या है।
सरकार ने क्यों बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी?
केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 2 रुपये की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है। इसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट है। पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल के दाम 15% तक कम हुए हैं, और अभी एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 63.34 डॉलर है, जो काफी निचले स्तर पर है। इस गिरावट के कारण भारत पेट्रोलियम, रिलायंस, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ गया है। सरकार ने इसी मौके का फायदा उठाते हुए अपनी कमाई बढ़ाने के लिए एक्साइज ड्यूटी में ये बढ़ोतरी की है।
क्या है एक्साइज ड्यूटी और इसका असर?
एक्साइज ड्यूटी एक तरह का टैक्स होता है जो सरकार उत्पादन या बिक्री पर लगाती है। इस बार सरकार ने साफ किया है कि ये बढ़ोतरी सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर बोझ नहीं डालेगी। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या तेल कंपनियां इस अतिरिक्त खर्च को अपने मुनाफे से पूरा करेंगी या इसे ग्राहकों पर थोपेंगी? ये फैसला 8 अप्रैल, 2025 से लागू होगा, और इसका पहला असर तेल कंपनियों पर पड़ेगा। अगर कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाती हैं, तो आम आदमी को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।
आम आदमी पर क्या पड़ेगा प्रभाव?
फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी या नहीं। अगर तेल कंपनियां इस बढ़ी हुई ड्यूटी को अपने मुनाफे से एडजस्ट कर लेती हैं, तो आम लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर कीमतें बढ़ाई जाती हैं, तो रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ने से सामान महंगा हो जाता है। अब सबकी नजर तेल कंपनियों के अगले कदम पर है।
कब हुई थी आखिरी बार कीमतों में बदलाव?
आपको बता दें कि तेल कंपनियों ने आखिरी बार 15 मार्च, 2025 को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव किया था। उस वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया था। इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से नीचे चली गई थी, जबकि चेन्नई, कोलकाता, और मुंबई जैसे महानगरों में ये अभी भी 100 रुपये से ज्यादा है। पिछले कुछ हफ्तों से कीमतें स्थिर थीं, लेकिन अब एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से स्थिति बदल सकती है।
क्या हैं मौजूदा कीमतें?
- दिल्ली: पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से कम
- मुंबई, चेन्नई, कोलकाता: पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से ज्यादा
सरकार का ये फैसला अपनी आय बढ़ाने की एक रणनीति है, लेकिन इसका असर आम आदमी पर पड़ेगा या नहीं, ये तेल कंपनियों के फैसले पर निर्भर करता है। अगर आप पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जुड़ी जानकारी चाहते हैं, तो हमारे ब्लॉग को फॉलो करते रहें। क्या आपको लगता है कि तेल कंपनियां कीमतें बढ़ाएंगी? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
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