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युवा शक्ति से महाशक्ति तक: क्या वाकई भारत बन रहा है दुनिया का अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? जानिए विशेषज्ञों की राय

युवा शक्ति से महाशक्ति तक: क्या वाकई भारत बन रहा है दुनिया का अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? जानिए विशेषज्ञों की राय

दुनिया का अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? आज की दुनिया में भारत एक चमकता सितारा बन गया है। हर कोई इस देश की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। हाल ही में एक बड़ी वित्तीय कंपनी लाजार्ड ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका नाम है ‘आउटलुक फॉर इमर्जिंग मार्केट्स’। इस रिपोर्ट में एक बड़ी बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब यानी सामान बनाने का केंद्र बन सकता है। यह खबर भारत के लिए बहुत अच्छी है। आइए इस रिपोर्ट के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत और भविष्य की संभावनाओं पर गहराई से नजर डालें।

सबसे पहले, हम भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर बात करते हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। यह कोई मामूली बात नहीं है। साल 2023-24 में भारत की जीडीपी यानी अर्थव्यवस्था का आकार 8.2 प्रतिशत बढ़ा। अगर आप सोच रहे हैं कि यह अच्छा है या नहीं, तो आपको बता दें कि यह वृद्धि दर दुनिया के कई विकसित देशों से ज्यादा है। इससे साफ पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर चल रही है।

इस सफलता का बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को जाता है। पिछले दस सालों में मोदी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया। इसका एक बड़ा फायदा यह हुआ कि देश के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग भी मुख्य अर्थव्यवस्था से जुड़ सके। अब गांव में रहने वाला व्यक्ति भी मोबाइल फोन से पैसे भेज सकता है, बिल भर सकता है। इसके अलावा, मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण टैक्स सुधार लागू किए। इसके कारण करोड़ों लोग पहली बार औपचारिक आर्थिक प्रणाली का हिस्सा बने।

लाजार्ड की रिपोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात पर ध्यान खींचा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास एक बड़ा जनसांख्यिकीय लाभ है। आसान भाषा में समझें तो हमारे देश में युवाओं की संख्या बहुत ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि भारत की 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी 50 साल से कम उम्र की है। यह एक बहुत बड़ा फायदा है।

युवाओं की इस बड़ी आबादी का मतलब है कि हमारे पास एक विशाल कार्यबल है। यह कार्यबल देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए तैयार है। रिपोर्ट का अनुमान है कि इस जनसांख्यिकीय लाभ की वजह से भारत 2060 तक तेजी से विकास करता रहेगा। यह एक लंबा समय है, जो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने का मौका देता है।

अब बात करते हैं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की। भारत अब अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर यानी सामान बनाने के क्षेत्र को मजबूत बनाने पर खास ध्यान दे रहा है। यह बात साफ तौर पर बजट 2024-25 में दिखाई दी। सरकार ने एमएसएमई (छोटे, मझोले और मध्यम उद्यम) क्षेत्र की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया है।

मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब छोटे उद्यमी अपने व्यवसाय को शुरू करने या बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसे उधार ले सकते हैं। यह कदम निश्चित रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ताकत देगा।

वित्त मंत्री ने एमएसएमई सेक्टर को विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। यह एक बहुत ही अच्छा कदम है। सरकार ने कहा है कि वह एमएसएमई क्षेत्र में 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों की स्थापना के लिए आर्थिक मदद देगी। इस कदम के कई फायदे होंगे। पहला, इससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। दूसरा, इससे नौकरियों के नए मौके पैदा होंगे। और तीसरा, इससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी मजबूती मिलेगी, जो कि हमारे किसानों के लिए फायदेमंद होगा।

मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य सिर्फ एक तारीख नहीं है, बल्कि एक सपना है। इस सपने को पूरा करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत बनाना, एमएसएमई को बढ़ावा देना, डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना – ये सभी कदम इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर उठाए जा रहे हैं।

अगर ये प्रयास सफल होते हैं, तो 2047 तक भारत न सिर्फ एक विकसित देश बन जाएगा, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। भारत की यह यात्रा आसान नहीं है। रास्ते में कई मुश्किलें आएंगी। लेकिन अगर हम अपने युवा कार्यबल की ताकत का सही इस्तेमाल करें, अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत बनाएं, और नए विचारों को बढ़ावा दें, तो हम निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

भारत का भविष्य उज्ज्वल है, और दुनिया इस उभरती हुई महाशक्ति की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। लाजार्ड की रिपोर्ट भारत के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। यह हमें बताती है कि हम सही रास्ते पर हैं। अब हमें इस गति को बनाए रखना है और आगे बढ़ना है। अगर हम ऐसा कर पाए, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन जाएगा और विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।

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