हिमालय की बर्फीली वादियों और ऊंचे पहाड़ों में, जहां बर्फ और ठंड जीवन को चुनौती देते हैं, वहां एक खास प्रजाति के कुत्ते की कहानी शुरू होती है। इसे गद्दी कुत्ता (Gaddi Dog) या हिमालयन शीपडॉग के नाम से जाना जाता है। ये कुत्ता अपनी बहादुरी, चपलता और वफादारी के लिए मशहूर है। हाल ही में, इसे राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। इस मान्यता के बाद, गद्दी कुत्ता भारतीय नस्ल के संरक्षित कुत्तों की सूची में शामिल हो गया है।
हिमालय की परंपरा का हिस्सा
गद्दी कुत्ता न केवल एक कुत्ता है, बल्कि ये पर्वतीय जीवन का अहम हिस्सा भी है। इसे ‘भारतीय पैंथर’ (Indian Panther) के नाम से भी जाना जाता है। इसका घना फर, मजबूत शरीर और ठंड सहने की अद्भुत क्षमता इसे पहाड़ों के लिए उपयुक्त बनाती है। ये नस्ल विशेष रूप से भेड़ और बकरियों की रक्षा के लिए जानी जाती है। गद्दी कुत्ते का काम न केवल जंगली जानवरों से सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपने मालिकों का भी साथ देना है।
क्यों किया गया मान्यता प्राप्त
हिमाचल प्रदेश सरकार ने गद्दी कुत्ते को पहचान दिलाने के लिए वर्षों तक अनुसंधान किया। दिसंबर 2022 में एक व्यापक अध्ययन के बाद, इसे NBAGR में प्रस्तुत किया गया। इस अध्ययन में गद्दी कुत्तों की आनुवंशिक संरचना, स्वास्थ्य, और व्यवहार का गहराई से विश्लेषण किया गया। 6 जनवरी 2025 को इसे “INDIA-DOG-0600_GADDI_19004” के रूप में दर्जा दिया गया।
गद्दी कुत्ते का शारीरिक और मानसिक स्वभाव
गद्दी कुत्ते का बाहरी रूप ही इसकी ताकत का संकेत देता है। इसका शरीर मजबूत और घना है। इनका फर दो परतों में होता है। एक अंदरूनी परत जो ठंड से बचाती है, और बाहरी परत जो लंबी और रोएंदार होती है। इनकी पूंछ घुमावदार होती है जो इन्हें विशिष्ट बनाती है।
इसके अलावा, गद्दी कुत्ते मानसिक रूप से बेहद सतर्क और बुद्धिमान होते हैं। इनका व्यवहार अपने मालिकों के प्रति बेहद वफादार होता है। हालांकि, अजनबियों के साथ इनका व्यवहार कुछ कठोर हो सकता है, लेकिन सही प्रशिक्षण से इन्हें सामाजिक बनाया जा सकता है।
वफादारी और बहादुरी के प्रतीक
गद्दी कुत्ता अपने मालिक और परिवार के लिए न केवल वफादारी का प्रतीक है, बल्कि जंगली जानवरों से रक्षा करने वाला एक बहादुर योद्धा भी है। बाघ, तेंदुआ, या भालू जैसे खतरनाक जानवर भी इसकी उपस्थिति से खौफ खाते हैं। इसके अलावा, ये कुत्ता परिवार के बच्चों और बुजुर्गों के प्रति बेहद स्नेही होता है।
भारत की सांस्कृतिक विरासत
गद्दी कुत्ते की मान्यता न केवल एक नस्ल की पहचान है, बल्कि ये भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान भी है। ये कुत्ता हिमालय के कठोर जीवन का साथी और वहां के चरवाहों का सच्चा मित्र है।
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