इन दिनों ऑनलाइन ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं भारतीय। इन ठगी के पीछे दक्षिण पूर्व एशिया के तीन देश – म्यांमार, लाओस और कंबोडिया के अपराधी हैं। इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच ही इन देशों से होने वाली ठगी में भारतीयों को लगभग 1776 करोड़ रुपये का चूना लग चुका है।
कैसे हो रही है ठगी?
ठग कई तरह के तरीके अपना रहे हैं। जैसे, सोशल मीडिया पर शेयर बाजार के जानकारों की फर्जी तस्वीरें और खबरें डालकर लोगों को लुभाया जाता है। फिर उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप या टेलीग्राम चैनल में जोड़ा जाता है, जहां उन्हें शेयर खरीदने की सलाह दी जाती है। ये ऐप्स असली नहीं होते, लेकिन लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते। जब वो अपने पैसे निकालने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि उन्हें पहले एक तय रकम जमा करनी होगी। इस तरह लोग फंसते जाते हैं।
डिजिटल गिरफ्तारी: लोगों को फोन करके बताया जाता है कि उन्होंने कोई गैरकानूनी सामान मंगवाया है या फिर उनके किसी रिश्तेदार ने कोई अपराध किया है। फिर उन्हें वीडियो कॉल पर पुलिस बनकर धमकाया जाता है और पैसे ऐंठे जाते हैं।
घर बैठे कमाई का झांसा: व्हाट्सएप पर विदेशी नंबर से मैसेज आता है कि घर बैठे काम करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। बस कुछ ऐप्स को 5 स्टार रेटिंग देनी होती है। शुरुआत में कुछ पैसे मिलते भी हैं, जिससे लोग झांसे में आ जाते हैं। फिर ज्यादा पैसे के लिए उन्हें और काम करने को कहा जाता है और उनके पैसे फंस जाते हैं।
ऑनलाइन प्यार का जाल: पुरुषों को विदेशी महिलाओं के नाम से फंसाया जाता है। फिर उनसे शादी का झांसा देकर पैसे मांगे जाते हैं।
क्यों हो रही है दक्षिण पूर्व एशिया से ठगी?
भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने जब इस मामले की जांच की, तो पता चला कि ज्यादातर ठगी म्यांमार, लाओस और कंबोडिया से हो रही है। इन देशों में साइबर क्राइम करने वाले गिरोह सोशल मीडिया पर फर्जी नौकरियों के विज्ञापन डालकर भारतीयों को फंसाते हैं। फिर उन्हें अलग-अलग तरह की ठगी में शामिल कर लिया जाता है। I4C को ये भी पता चला है कि कई वेब ऐप्लिकेशन में चीनी भाषा के अक्षर थे, जिससे चीन के कनेक्शन से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
साइबर क्राइम से कैसे बचें?
किसी अनजान लिंक या ऐप पर क्लिक न करें।
अपनी निजी जानकारी किसी से शेयर न करें।
लालच में आकर कोई भी काम न करें।
किसी भी तरह के शक होने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें।
याद रखें, साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाते हैं, इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
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