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भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में ISRO की नई उपलब्धि: सफल हुई SpaDex की डॉकिंग

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन के तहत ISRO ने अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट्स की सफलतापूर्वक डॉकिंग की है। इस कामयाबी के साथ भारत ने अमेरिका, रूस, और चीन के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

SpaDeX मिशन: 7 और 9 जनवरी को स्थगित, लेकिन 12 जनवरी को सफलता
इस महत्वाकांक्षी मिशन को पहले 7 और 9 जनवरी को तकनीकी कारणों से स्थगित करना पड़ा था। हालांकि, 12 जनवरी को ISRO ने सैटेलाइट्स को करीब 3 मीटर की दूरी तक लाने और फिर सुरक्षित दूरी पर ले जाने का सफल परीक्षण किया। गुरुवार को ISRO ने डॉकिंग प्रक्रिया को पूरा कर भारत को इस क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

डॉकिंग प्रक्रिया बेहद चुनौतीपूर्ण थी। ये कुछ ऐसा है जैसे दो गाड़ियों को एक साथ जोड़ दिया जाए, लेकिन अंतरिक्ष में ये काम और भी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं होता और सैटेलाइट्स बहुत तेज गति से घूम रहे होते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष समुदाय को इस सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा, “ISRO के वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को सैटेलाइट्स डॉकिंग की इस सफलता के लिए बधाई। ये भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”

क्या है सैटेलाइट डॉकिंग?
सैटेलाइट डॉकिंग एक अत्यंत जटिल तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें दो सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में जोड़कर एक इकाई के रूप में नियंत्रित किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशन, सैटेलाइट सर्विसिंग और गहरे अंतरिक्ष मिशनों में किया जाएगा। ISRO ने अपने बयान में कहा है कि दोनों सैटेलाइट्स को एक इकाई के रूप में नियंत्रित करने के बाद, आने वाले दिनों में उन्हें अलग करने और बिजली हस्तांतरण की जांच की जाएगी।

भारत की नई पहचान
इस उपलब्धि के साथ भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। ये मिशन न केवल भारत की तकनीकी प्रगति को दर्शाता है, बल्कि आने वाले समय में अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत के योगदान को भी मजबूत करेगा। ISRO की ये सफलता भारत के बढ़ते अंतरिक्ष मिशनों की दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये उपलब्धि न केवल भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरी दुनिया में भारत की साख को और मजबूत करती है।

अंतरिक्ष विज्ञान में भारत का भविष्य उज्जवल है, और ISRO की ये सफलता हमें नई ऊंचाइयों तक ले जाने का वादा करती है।

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