महाराष्ट्रमुंबई

Fadnavis Government Troubles: अब देवेंद्र फडणवीस के MLA ने बढ़ा दी टेंशन, पहुंच गए नितिन गडकरी से मिलने, महाराष्ट्र कैबिनेट पर बड़ा दावा

Fadnavis Government Troubles: अब देवेंद्र फडणवीस के MLA ने बढ़ा दी टेंशन, पहुंच गए नितिन गडकरी से मिलने, महाराष्ट्र कैबिनेट पर बड़ा दावा

Fadnavis Government Troubles: महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में हुए महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार विवाद (Maharashtra Cabinet Expansion Controversy) ने हलचल मचा दी है। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कई नेता नाराज़ नजर आ रहे हैं। मामला तब और गर्माया जब भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि उनका नाम पहले मंत्रियों की सूची में शामिल था, लेकिन बाद में हटा दिया गया।

कैबिनेट विस्तार से कैसे बढ़ी नाराज़गी?

15 दिसंबर को नागपुर में महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार का आयोजन हुआ। इसमें कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा को 19 मंत्री पद मिले, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 11 और अजित पवार के एनसीपी गुट को 9 मंत्री पद दिए गए।

हालांकि, इसी दौरान कई विधायकों की नाराज़गी खुलकर सामने आने लगी। सबसे पहले एकनाथ शिंदे की पार्टी के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री न बनाए जाने के कारण इस्तीफा दे दिया। फिर एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने भी अपनी नाराज़गी जताई।

सुधीर मुनगंटीवार का दावा: सूची में था नाम

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि उन्हें पहले मंत्रियों की सूची में शामिल किया गया था। लेकिन बाद में उनका नाम mysteriously हटा दिया गया। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा:

“मुझे बताया गया था कि मेरा नाम सूची में है। लेकिन बाद में मेरा नाम वहां नहीं था। मुझे नहीं पता कि आखिर क्यों ऐसा हुआ।”

सात बार के विधायक मुनगंटीवार ने यह भी कहा कि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और जो भी भूमिका उन्हें सौंपी जाएगी, वह उसे निभाने के लिए तैयार हैं।

फडणवीस का बयान: मुनगंटीवार को मिलेगी नई जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुनगंटीवार की नाराज़गी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी उन्हें कोई दूसरी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है। उन्होंने कहा:

“मैंने मुनगंटीवार जी से बात की है। वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी उनकी काबिलियत को समझती है।”

इस बयान से साफ होता है कि फडणवीस सरकार मुनगंटीवार की नाराज़गी को हल्के में नहीं ले रही है।

नितिन गडकरी से मुलाकात: क्या है असली कारण?

सुधीर मुनगंटीवार की नाराज़गी और उनकी नितिन गडकरी से मुलाकात ने राजनीतिक अटकलों को और तेज कर दिया। मुनगंटीवार ने गडकरी से उनके नागपुर आवास पर जाकर मुलाकात की। हालांकि, उन्होंने इसे “बड़े भाई और छोटे भाई की मुलाकात” बताया।

उन्होंने कहा:

“जब ऐसी परिस्थितियां आती हैं, तो मैं गडकरी जी का मार्गदर्शन लेता हूं। वह मेरे लिए बड़े भाई जैसे हैं।”

मंत्री पद से वंचित नेताओं की बढ़ती नाराज़गी

महाराष्ट्र के इस कैबिनेट विस्तार में कुछ बड़े चेहरों को नजरअंदाज कर दिया गया है, जिससे महायुति सरकार के अंदर खींचतान बढ़ती दिख रही है। एनसीपी के छगन भुजबल और शिवसेना के कुछ नेताओं ने खुले तौर पर असंतोष जताया है।

इसके अलावा भाजपा के कुछ विधायक भी मंत्री न बनाए जाने पर पार्टी नेतृत्व से नाखुश हैं। मुनगंटीवार का मामला इस नाराज़गी का एक बड़ा उदाहरण है।

क्या यह फडणवीस सरकार के लिए संकट है?

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में तीन बड़े गुट शामिल हैं:

  1. भाजपा
  2. एकनाथ शिंदे की शिवसेना
  3. अजित पवार की एनसीपी

कैबिनेट विस्तार के बाद से इन तीनों गुटों के भीतर ही असंतोष बढ़ गया है। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह महायुति के लिए एक राजनीतिक संकट की शुरुआत है?

आगे का रास्ता

फडणवीस सरकार को अब इस असंतोष को दूर करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने होंगे। पार्टी को नाराज विधायकों को संतुष्ट करना होगा ताकि सरकार के कामकाज पर इसका असर न पड़े।


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