Maratha Reservation: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल को अपने समर्थकों के साथ मुंबई में प्रवेश करने से रोकने से इनकार कर दिया है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार से कोर्ट ने ये सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि, किसी भी सूरत पर मुंबई में जरांगे पाटिल और उनके समर्थकों के आने से शहर की सड़कें जाम न होने पाए. तो वहीं दूसरी ओर राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने जरांगे पाटिल से आंदोलन नहीं करने की अपील की है. लेकिन पाटिल हैं कि उन्होंने साफ तौर पर ये क्लियर कर दिया है कि ये उनका आखिरी संघर्ष होगा और किसी भी सूरत में वो इसबार आरक्षण लेकर रहेंगे.
बता दें किमनोज जरांगे पाटिल एक मराठा आरक्षण कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने 20 जनवरी को जालना जिले में अपने गांव अंतरवाली सराती से मुंबई तक मार्च निकाला था. उनके साथ हजारों लोग शामिल हुए हैं, जो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं. (Maratha Reservation)
जारांगे पाटिल ने घोषणा की है कि वे और उनके समर्थक 25 जनवरी को मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचेंगे और वहां धरना देंगे. उन्होंने कहा है कि वे तब तक वहां रहेंगे जब तक कि सरकार उनकी मांग पूरी नहीं कर देती.
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इस मार्च को रोकने के लिए एक याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि इससे मुंबई में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और शहर की सड़कें जाम हो सकती हैं. लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो इस तरह की स्थितियों से निपटे और शांति बनाए रखे.
हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि वो आशंकाओं के आधार पर मामलों पर विचार नहीं कर सकते हैं और उनके पास और भी जरूरी काम हैं. हाईकोर्ट ने जारांगे पाटिल को नोटिस जारी किया है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी. (Maratha Reservation)
इस मामले में जारांगे पाटिल ने कहा है कि वे आखिरी सांस तक लड़ेंगे और उनका मार्च उनका अंतिम संघर्ष है. साथी ही उन्होंने ये भी कहा है कि वे किसी भी कीमत पर अपनी मांगों को त्यागने वाले नहीं हैं.
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