पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की शीर्ष बैडमिंटन जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी (चिराग-सात्विक) के कोच मथियास बो ने ओलंपिक पदक जीतने में असफलता के बाद कोचिंग से संन्यास लेने की घोषणा की है। गुरुवार को हुए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक से हारने के बाद बो ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह घोषणा की।
क्वार्टर फाइनल में हार
चिराग-सात्विक ने पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक के खिलाफ 21-13, 14-21, 16-21 से हार का सामना किया। इस हार के बाद उनके कोच मथियास बो ने कोचिंग से संन्यास लेने का फैसला किया।
मथियास बो का संन्यास
मथियास बो, जो लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता भी हैं, ने टोक्यो ओलंपिक से पहले चिराग और सात्विक के कोच के रूप में उनसे जुड़ थे। 44 वर्षीय डेनमार्क के पूर्व खिलाड़ी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, “मेरे लिए, कोचिंग के दिन यहीं खत्म हो जाते हैं, मैं कम से कम अभी भारत या कहीं और कोचिंग जारी नहीं रखूंगा। मैंने बैडमिंटन हॉल में बहुत अधिक समय बिताया है और कोच बनना भी काफी तनावपूर्ण है, मैं एक थका हुआ बूढ़ा आदमी हूं।”
खिलाड़ियों को सांत्वना
पेरिस में पुरुष युगल वर्ग में चिराग-सात्विक पदक के दावेदार थे और बो ने उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, “मैं खुद भी इस भावना को अच्छी तरह से जानता हूं। हर दिन कड़ी मेहनत करना, अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ लय में रहना और फिर चीजें वैसी नहीं होतीं जैसी आप उम्मीद करते हैं।”
पदक की आस और निराशा
मथियास बो ने कहा, “मुझे पता है कि आप लोग निराश हैं, मैं जानता हूं कि आप भारत के लिए पदक लाना चाहते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भले ही उनके शिष्य पेरिस से पदक लेकर वापस नहीं लौटे लेकिन वह एक संतुष्ट व्यक्ति के रूप में पद छोड़ रहे हैं।
खिलाड़ियों का समर्पण
बो ने कहा, “आपके पास गर्व करने के लिए सब कुछ है। आपने इस ओलंपिक शिविर में कितनी मेहनत की है, चोटों से जूझते हुए, दर्द को कम करने के लिए इंजेक्शन भी लिए हैं, यह समर्पण है, यह जुनून है।”
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