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NCP’s internal survey: अजित पवार के लिए खतरे की घंटी, 70 में से सिर्फ 23 सीटों पर मजबूत दावा

NCP's internal survey: अजित पवार के लिए खतरे की घंटी, 70 में से सिर्फ 23 सीटों पर मजबूत दावा

NCP’s internal survey: महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार और एनसीपी का नाम अक्सर सुर्खियों में रहता है। हाल ही में, एनसीपी का आंतरिक सर्वे (NCP ka aantarik survey) सामने आया है, जिसके नतीजे काफी दिलचस्प हैं। आइए जानते हैं कि इस सर्वे में क्या-क्या सामने आया है।

सर्वे के मुख्य नतीजे

एनसीपी के आंतरिक सर्वे से पता चला है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति कुछ ऐसी हो सकती है:

  1. पक्की जीत: 23 सीटें
  2. मेहनत से जीत: 16 सीटें
  3. मुश्किल सीटें: 31 सीटें

यानी कुल 70 सीटों पर पार्टी की नजर है। लेकिन इनमें से सिर्फ 23 सीटों पर ही पार्टी को पूरा भरोसा है।

मेहनत की जरूरत

16 सीटों पर जीत के लिए पार्टी को खूब पसीना बहाना होगा। इन सीटों पर जीत तो संभव है, लेकिन आसान नहीं है। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिन-रात एक करना होगा।

सबसे बड़ी चुनौती

सबसे बड़ी चिंता की बात 31 सीटों की है। इनमें से 21 सीटों पर तो एनसीपी को अपने सहयोगी दलों की मदद चाहिए होगी। यानी अगर शिवसेना और बीजेपी के वोटर एनसीपी को वोट दें, तभी इन सीटों पर जीत मिल सकती है।

बाकी 10 सीटों पर तो हालात और भी खराब हैं। इन पर एनसीपी अपने विरोधियों से काफी पीछे चल रही है।

लोकसभा से सबक

लोकसभा चुनाव में एनसीपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। शायद इसीलिए पार्टी ने यह सर्वे कराया है। पार्टी चाहती है कि विधानसभा चुनाव में वह अपनी कमियों को सुधार ले।

महायुति का फायदा?

एनसीपी के आंतरिक सर्वे (NCP ka aantarik survey) में यह भी पता चला है कि महायुति गठबंधन को लोगों का समर्थन मिल रहा है। पिछले कुछ महीनों में यह समर्थन बढ़ा है। अगस्त में 37% लोग महायुति के साथ थे, जो सितंबर में बढ़कर 39% हो गए।

आगे की राह

एनसीपी के एक बड़े नेता ने कहा है कि पार्टी को अब 23 सीटों पर पूरा भरोसा है। 16 सीटों पर उम्मीद है कि चीजें बदल सकती हैं। बाकी सीटों के लिए शिवसेना और बीजेपी की मदद जरूरी होगी।

अजित पवार और उनकी टीम के लिए यह सर्वे एक बड़ा सबक है। अब देखना यह है कि वे इन नतीजों से क्या सीख लेते हैं और कैसे अपनी रणनीति बदलते हैं।

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