दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में PM मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता शरद पवार के बीच हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत और उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। ये मुलाकात कांग्रेस के लिए चिंता का विषय क्यों बन गई है? आइए जानते हैं।
क्या हुआ मराठी साहित्य सम्मेलन में?
98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी और आपसी सम्मान देखने को मिला। शरद पवार ने इस कार्यक्रम में पीएम मोदी की तारीफ की और मराठी भाषा को लेकर उनके योगदान को सराहा।
पवार ने कहा, “जब मैंने पीएम मोदी को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया, तो उन्होंने बिना किसी देरी के तुरंत स्वीकृति दे दी। दिल्ली और महाराष्ट्र के बीच गहरा रिश्ता है, और ये केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है।”
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मराठी भाषा और संस्कृति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। 100 साल पहले एक मराठी भाषी ने RSS का बीज बोया था। मेरा सौभाग्य है कि मेरे जैसे लाखों लोगों ने देश के लिए जीने की प्रेरणा दी है।” साथ ही पीएम मोदी ने शरद पवार के आमंत्रण पर इस कार्यक्रम में शामिल होने को अपना सौभाग्य बताया।
कांग्रेस को क्यों है चिंता?
शरद पवार और पीएम मोदी के बीच हुई ये मुलाकात कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन गई है। दरअसल, एनसीपी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) का हिस्सा है। ऐसे में, पवार और मोदी के बीच गर्मजोशी भरी बातचीत और आपसी सम्मान कांग्रेस को असहज कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये मुलाकात सिर्फ साहित्य सम्मेलन तक सीमित नहीं है। महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार बदलते समीकरण और आगामी चुनावी रणनीतियों को देखते हुए, इस मुलाकात को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
क्या है शरद पवार की रणनीति?
शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के एक कद्दावर नेता हैं, और उनकी हर चाल का राजनीतिक महत्व होता है। पवार ने पहले भी कई बार अपनी रणनीतिक चालों से सभी को चौंकाया है। इस बार भी उनकी मोदी के साथ हुई मुलाकात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या पवार महाराष्ट्र की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव करने वाले हैं? क्या ये मुलाकात भविष्य में किसी नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा करती है? इन सवालों के जवाब अभी समय के गर्भ में हैं।
पीएम मोदी और शरद पवार की मुलाकात ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है, बल्कि ये कांग्रेस के लिए चिंता का विषय भी बन गई है। ये मुलाकात सिर्फ साहित्य सम्मेलन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। आने वाले समय में महाराष्ट्र की राजनीति में क्या बदलाव होते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।
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