Taliban and Women Rights: 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में दोबारा सत्ता में आने के बाद महिलाओं के अधिकारों में भयानक गिरावट आई है। दो दशकों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद जो अधिकार अफगान महिलाओं ने हासिल किए थे, उन्हें अब छीन लिया गया है। तालिबान और महिलाओं के अधिकार का मुद्दा पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। आइए जानते हैं, अफगान महिलाओं पर लगाए गए इन कठोर प्रतिबंधों के बारे में।
शिक्षा का अधिकार छीनना
तालिबान के सत्ता में आते ही लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा पर भारी प्रतिबंध लगा दिए गए। 2021 के अंत में, तालिबान ने 7वीं कक्षा और उससे ऊपर की शिक्षा पर रोक लगा दी। साथ ही, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। यह कदम अफगान महिलाओं के लिए एक बड़ा झटका था, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कड़ी मेहनत से प्रगति की थी।
कार्यस्थलों पर प्रतिबंध
अफगानिस्तान में महिलाओं के कार्य करने के अधिकार को लगभग खत्म कर दिया गया है। सरकारी कार्यालयों में महिलाओं का काम करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, और निजी कंपनियों में भी उन्हें सीमित भूमिकाओं तक सीमित कर दिया गया है। इन पाबंदियों के चलते महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता लगभग खत्म हो गई है।
सार्वजनिक स्थानों पर रोक
महिलाओं को बिना पुरुष अभिभावक के सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं है। परिवार के पुरुष सदस्य के साथ बाहर जाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा, महिलाओं के लिए हिजाब और पर्दा पहनना अनिवार्य है, जिससे उनकी स्वतंत्रता पर गहरा असर पड़ा है।
खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी पर रोक
तालिबान ने महिलाओं को खेलकूद में भाग लेने से भी रोक दिया है। महिला खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं है। अफगान महिला फुटबॉल टीम और अन्य खेल टीमों के लिए यह दौर बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में पाबंदी
तालिबान ने महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं में काम करने से भी रोक दिया है। महिलाएं डॉक्टर, नर्स, या स्वास्थ्यकर्मी के रूप में काम नहीं कर सकतीं। इससे न केवल महिलाओं की आजीविका पर असर पड़ा है, बल्कि महिला मरीजों को भी सही स्वास्थ्य सेवाएं मिलना मुश्किल हो गया है।
न्यायिक और राजनीतिक अधिकार खत्म
अफगान महिलाओं के न्यायिक अधिकार भी सीमित कर दिए गए हैं। तालिबान की न्याय प्रणाली पुरुषों के पक्ष में झुकी हुई है, और महिलाओं की आवाज को पूरी तरह दबा दिया गया है। महिलाओं को संसद और अन्य राजनीतिक प्रतिनिधित्व से हटा दिया गया है। अब वे किसी भी सार्वजनिक नीति निर्माण में भाग नहीं ले सकतीं।
अफगान महिलाओं की पाबंदियां
अफगान महिलाओं की पाबंदियां (Restrictions on Afghan Women) इस समय चरम पर हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, राजनीति और सार्वजनिक जीवन—हर क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को खत्म कर दिया गया है। यह न केवल अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए दुखद है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी चिंताजनक है।
तालिबान के कठोर कानून
तालिबान का शासन महिलाओं के खिलाफ कठोर और असंवेदनशील कानूनों का परिचायक है। यह दिखाता है कि उनकी नीतियां महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें सीमित करने पर केंद्रित हैं।
अफगान महिलाओं पर ये पाबंदियां उनके बुनियादी अधिकारों को छीनने का काम कर रही हैं। इस स्थिति में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी बनती है कि वह अफगान महिलाओं की सहायता के लिए आगे आए।
#TalibanRule #AfghanWomen #WomensRights #TalibanRestrictions #GenderEquality
ये भी पढ़ें: History of Nehru Road: सीरिया में इस सड़क का नाम पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया, क्या हो सकती है वजह?