17वीं लोकसभा भंग होते ही पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की उम्र एक समान करने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया है। दरअसल, ‘प्रतिबंध बाल विवाह (संशोधन) विधेयक, 2021’ दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसका मकसद लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करना था, ताकि लड़कों और लड़कियों की शादी की उम्र एक समान हो सके।
लेकिन ये बिल संसद की स्थायी समिति के पास लंबे समय तक अटका रहा। अब 17वीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही ये बिल भी रद्द हो गया है।
क्या था इस बिल में?
लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करना।
शादी की उम्र से जुड़े किसी भी कानून, रीति-रिवाज या परंपरा को खत्म करना।
कम उम्र में शादी करने वाले लोगों को 23 साल की उम्र तक शादी रद्द करने का अधिकार देना (2006 के कानून में ये सीमा 20 साल थी)
अब क्या होगा?
18वीं लोकसभा में नए सिरे से इस बिल को पेश किया जा सकता है। लेकिन देखना होगा कि नई सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।
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