मराठी फेटा, महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का एक प्रतीक है। यह सिर्फ एक पगड़ी नहीं, बल्कि मराठा संस्कृति, गरिमा और सम्मान का द्योतक है। जब भी महाराष्ट्र में कोई खास अवसर होता है, मराठी फेटा को पहनने की परंपरा सजीव हो उठती है। चाहे वह शादी हो, धार्मिक आयोजन हो, या किसी योद्धा का सम्मान समारोह, मराठी फेटा (Marathi Feta) हर बार अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराता है।
मराठी फेटा क्या है? (What is Marathi Feta)
मराठी फेटा एक पारंपरिक पगड़ी है, जो महाराष्ट्र के सांस्कृतिक परिदृश्य की पहचान है। इसे अलग-अलग शैलियों और रंगों में पहना जाता है। मुख्यतः यह पेशवा युग (Peshwa Era) से जुड़ी है, जब मराठा योद्धा और शासक इसे पहनकर अपने गौरव और परंपरा का प्रदर्शन करते थे।
इसकी लंबाई 3.5 से 6 मीटर और चौड़ाई लगभग 1 मीटर होती है। इसे पहनने का तरीका और इसके रंग व्यक्ति की सामाजिक स्थिति, मौके और क्षेत्रीय परंपराओं को दर्शाते हैं।
मराठी फेटा का ऐतिहासिक महत्व
पेशवाओं का दौर और फेटा की उत्पत्ति
मराठी फेटा की जड़ें छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और पेशवा शासन में हैं। इतिहास में इसे मराठा योद्धाओं की वीरता और गरिमा का प्रतीक माना गया। शिवाजी महाराज के शासनकाल में इसे कोल्हापुर में पहली बार देखा गया।
पेशवा युग में इसे मुकुट के स्थान पर पहना जाता था। इसका केसरिया रंग वीरता और बलिदान का प्रतीक है।
फेटा पहनने के अवसर और महत्व
मराठी फेटा विशेष रूप से शुभ अवसरों और धार्मिक आयोजनों में पहना जाता है। यह महाराष्ट्र की परंपरा का ऐसा हिस्सा है, जिसे पहनना गर्व की बात मानी जाती है।
शादी और वरमाला में दूल्हा इसे पहनकर पारंपरिक रूप में सजता है।
नवरात्रि और दशहरा जैसे त्योहारों में केसरिया फेटा शक्ति और धार्मिकता का प्रतीक है।
आम ग्रामीण क्षेत्रों में इसे किसान गर्मी और धूप से बचाव के लिए पहनते हैं।
मराठी फेटा के प्रकार
1. पुणेरी फेटा (Pune Style Feta)
पुणे के ब्राह्मण समुदाय और मराठा संस्कृति से जुड़ी यह सफेद या हल्के रंग की पगड़ी गरिमा और शालीनता का प्रतीक है। धार्मिक आयोजनों में इसे पहनना आम बात है।
2. मराठा फेटा (Maratha Feta)
छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित यह गहरे रंग की पगड़ी विशेष सजावट जैसे मोती और रत्न से सजी होती है। यह मराठा योद्धाओं की परंपरा का प्रतिनिधित्व करती है।
3. कोल्हापुरी फेटा (Kolhapuri Feta)
पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर क्षेत्र से जुड़ी यह फेटा शादियों और सांस्कृतिक आयोजनों में पहनी जाती है। इसमें केसरिया और लाल रंग प्रमुख होते हैं।
4. नवरात्रि और दशहरा फेटा
केसरिया या भगवा रंग की यह पगड़ी शक्ति और सम्मान का प्रतीक है। नवरात्रि और दशहरा में इसे पहनना शुभ माना जाता है।
5. आधुनिक डिज़ाइनर फेटा (Modern Designer Feta)
आज के समय में यह पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइन का मेल बन गई है। बॉलीवुड शादियों और फैशन शो में इसका चलन बढ़ा है।
मराठी फेटा की विशेषताएं
1. रंग और सामग्री का चयन
फेटा ज्यादातर सूती कपड़े से बनाई जाती है, जिसे गर्मी में पहनना आरामदायक होता है। इसके किनारे पर सुनहरे धागों या अलंकरण का इस्तेमाल इसे शाही लुक देता है।
2. पहनने का तरीका
फेटा को 6-7 चक्करों में सिर पर लपेटा जाता है। इसका एक हिस्सा, जिसे “शेमाला” कहा जाता है, पीछे की ओर ढीला लटका रहता है।
3. केसरिया रंग का महत्व
केसरिया रंग वीरता और बलिदान का प्रतीक है। शादी या धार्मिक आयोजनों में इस रंग को पहनना शुभ माना जाता है।
मराठी फेटा और प्रसिद्ध हस्तियां
अमिताभ बच्चन का फेटा पहनना
अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे अभिषेक बच्चन की शादी में मराठी फेटा पहना, जिससे यह और अधिक चर्चित हो गई। बॉलीवुड की अन्य हस्तियां जैसे रितेश देशमुख भी इसे अपनी शादी में पहन चुके हैं।
देवेंद्र फडणवीस और मराठी फेटा
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को विधायक दल की बैठक के दौरान भगवा रंग की फेटा पहने देखा गया, जिसने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया।
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